Effect of silver jewelry on health: भारतीय संस्कृति में चाँदी को न केवल सुंदरता के लिए बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन समय में बुजुर्ग लोग नियमित रूप से चाँदी की विभिन्न वस्तुएँ जैसे अंगूठी, चूड़ियाँ और झुमके पहनते थे। चाँदी की अंगूठी को उंगली में पहनने के पीछे कई वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण हैं। यह केवल एक सजावटी वस्तु नहीं है बल्कि एक शक्तिशाली वस्तु मानी जाती है जो मन की शांति, मानसिक तनाव, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, थकान और शरीर में ऊर्जा संतुलन को प्रभावित करती है।
कई लोगों का कहना है कि चाँदी की अंगूठी के नियमित उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण अंतर आया है। इसलिए चाँदी की अंगूठी पहनना कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि इसे एक प्रकार की प्राकृतिक चिकित्सा माना जाता है। अगर इस अंगूठी को सही तरीके से और सही उंगली में पहना जाए तो इसके स्वास्थ्य लाभ और भी अधिक प्रभावी हो जाते हैं।
मानसिक तनाव को कम करता है
चाँदी को ठंडी प्रवृत्ति वाली धातु माना जाता है। अंगूठी के रूप में पहनने पर यह मस्तिष्क के दबाव, चिंता और तनाव को कम करने में मदद करती है। शरीर में ऊर्जा संतुलित रहती है और मन शांत रहता है। अगर ऑफिस के तनाव, घर की जिम्मेदारियों, आर्थिक चिंताओं के कारण आपका सिर लगातार घूम रहा है, तो चांदी की अंगूठी कारगर उपाय हो सकती है।
शांत नींद के लिए कारगर उपाय
अगर आप रात को सो नहीं पाते हैं, नींद के बीच में ही जाग जाते हैं, तो चांदी की अंगूठी काम आ सकती है। यह मस्तिष्क की तरंगों पर शांत प्रभाव डालती है। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और शरीर को उचित आराम मिलता है। थकान, चिड़चिड़ापन और ऊर्जा की कमी जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली अधिक सक्रिय होती है
चांदी शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करती है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है। इस कारण विद्यार्थियों या बौद्धिक कार्य करने वाले लोगों को यह अंगूठी नियमित रूप से पहननी चाहिए। अगर आप मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करते हैं या सोचने की क्षमता कम है, तो यह अंगूठी मस्तिष्क को तरोताजा कर देती है।
त्वचा के तापमान पर प्रभाव
चांदी एकमात्र ऐसी धातु है जो त्वचा को ठंडक पहुंचाती है। इसलिए, यह गर्मियों में शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करती है। त्वचा को ठंडक पहुंचाने से मुंहासे, पसीना और डर्मेटाइटिस जैसी बीमारियां कम होती हैं। खास तौर पर अंगूठी पहनने से नाड़ी बिंदुओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है और तापमान नियंत्रण में रहता है।
चंद्रमा के प्रभावों को संतुलित करना
चांदी को चंद्रमा से जुड़ी धातु माना जाता है। चंद्रमा मन का कारक है और अगर यह असंतुलित हो तो व्यक्ति अस्थिर, चंचल या भावुक हो जाता है। चांदी की अंगूठी पहनने से चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और मानसिक स्थिरता बढ़ती है। इसलिए इस अंगूठी को ज्योतिषीय दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है।
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Thu, Jun 05 , 2025, 09:30 AM