Nirjala Ekadashi Upay: निर्जला एकादशी पर बनेगा ये खास योग….कुछ उपाय करेंगे तो मिलेगा लाभ

Mon, Jun 02 , 2025, 09:59 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Nirjala Ekadashi fast: साल में कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं, जिनमें से निर्जला एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति पूरे साल में सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत रखता है तो उसे सभी एकादशियों का फल मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा (Lord Vishnu and Goddess Lakshmi are worshiped) की जाती है, जो हर मनोकामना पूरी करते हैं और पूरे साल सुख-समृद्धि लेकर आते हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इस साल निर्जला एकादशी पर एक खास संयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी खास बनाता है। आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानें इस साल निर्जला एकादशी कब है और क्या खास संयोग बन रहे हैं।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला या भीमसैनी एकादशी कहते हैं। इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा। इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत कई महीनों में खास होने वाला है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी की पूजा करने से आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।

 पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 6 जून को सुबह 3:43 बजे शुरू होकर अगले दिन यानी 7 जून को सुबह 4:12 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि और पूर्ण दिन वाली एकादशी 6 जून को होगी, इसलिए निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को ही रखा जाएगा। ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल निर्जला एकादशी के दिन हस्त नक्षत्र के साथ-साथ व्यतिपात, वरियान और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस दिन को और भी खास बनाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखना चाहिए और लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही पितृ तर्पण किया जाता है और पितरों के नाम पर जल दान किया जाता है। इससे पितरों के श्राप से भी मुक्ति मिलती है। 

निर्जला एकादशी पर करें ये काम... भगवान विष्णु को चढ़ाएं भोग - निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते समय ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, इसलिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें। दीपक जलाएं - इस शुभ दिन पर शाम के समय तुलसी के पेड़ के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इससे घर में लक्ष्मी आती है और शुभता आती है। इससे घर में नकारात्मकता खत्म होती है। परिक्रमा करें - इस दिन तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा के दौरान 108 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से कुंडली में मौजूद किसी भी अशुभ ग्रह का प्रभाव दूर होता है। इसके साथ ही शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है।

तुलसी की मंजरी चढ़ाएं -
भगवान विष्णु को तुलसी की मंजरी चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। ध्यान रहे कि एकादशी के दिन तुलसी की कलियां न तोड़ें, क्योंकि कहा जाता है कि इस दिन देवी तुलसी का व्रत भी होता है।

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