हम अक्सर आँख (eye) फड़कने का अनुभव करते हैं। कुछ लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, जबकि अन्य तुरंत कह देते हैं - "कुछ होने वाला है", "किसी को याद आ गया" या "बुरी खबर आने वाली है"। हमारे समाज में आँख (eye) फड़कने को लेकर कई मिथक और भ्रांतियाँ हैं। लेकिन वैज्ञानिक रूप से आँख फड़कना वास्तव में क्या है? और इसके पीछे क्या कारण हैं? आइए इसके पीछे के वास्तविक विज्ञान और लोगों के बीच प्रचलित मिथकों और भ्रांतियों को जानें।
आँख फड़कना क्या है?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, आँख फड़कने को "पलक फड़कना" या "मायोकिमिया" कहा जाता है। यह एक सामान्य और आमतौर पर हानिरहित प्रतिक्रिया है, जो पलकों में मांसपेशियों के अनैच्छिक संकुचन के कारण होती है। यह फड़कना कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है और फिर अपने आप बंद हो जाता है।
आँख फड़कने के वैज्ञानिक कारण:
1. नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से आँखों पर दबाव पड़ता है और पलक की मांसपेशियों में फड़कन हो सकती है।
2. तनाव: मानसिक तनाव या चिंता बढ़ने से मस्तिष्क और मांसपेशियों पर असर पड़ता है, जिससे आँख फड़कने लगती है।
3. कॉफी या कैफीन का अत्यधिक सेवन: कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक का अत्यधिक सेवन मस्तिष्क को अत्यधिक उत्तेजित कर सकता है, जिससे मांसपेशियों में कंपन हो सकता है।
4. आँखों में तनाव: लगातार मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन को देखने से आँखों पर दबाव पड़ सकता है और पलकें फड़कने लगती हैं।
5. पोषण की कमी: मैग्नीशियम की कमी वाले लोगों में विशेष रूप से आँख फड़कने की समस्या होती है।
6. एलर्जी या आँखों में जलन: धूल, धुआँ या अन्य एलर्जी कारकों से आँखों में जलन होने पर भी आँख फड़क सकती है।
लोकप्रिय मान्यताएँ क्या कहती हैं?
भारतीय समाज में आँख फड़कने को लेकर कई तरह की मान्यताएँ हैं। उदाहरण के लिए:
1. अगर दाईं आंख फड़कती है, तो शुभ समाचार मिलेगा।
2. अगर बाईं आंख फड़कती है, तो बुरी घटनाएं घट सकती हैं।
इन मान्यताओं को पुरुष और महिलाएं अलग-अलग तरीके से मानते हैं। कुछ जगहों पर इन चीजों को शुभ माना जाता है, जबकि कुछ जगहों पर इन्हें अशुभ माना जाता है। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह पूरी तरह से अंधविश्वास है, और इस पर विश्वास करने का कोई कारण नहीं है।
आंखों का फड़कना रोकने के उपाय:
1. उचित नींद लें और तनाव कम करें।
2. अपनी आंखों को आराम दें
3. कैफीन की मात्रा कम करें।
4. अपने आहार में पालक, बादाम, बीन्स जैसे मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
5. अगर आपको आंखों की एलर्जी है, तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और समाधान सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। हम उनका समर्थन नहीं करते हैं। कृपया उन्हें अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।)
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Sun, Jun 01 , 2025, 02:19 PM