आपने अक्सर देखा या सुना होगा कि कई लोगों को बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है. आमतौर पर ऐसा ज़्यादा तरल पदार्थ पीने की वजह से होता है. लेकिन कई बार यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का लक्षण भी हो सकता है.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ (IJCMPH) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मूत्र असंयम (UI) यानी पेशाब पर नियंत्रण न कर पाना भारत में एक आम समस्या है. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है. हालांकि, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह समस्या लगभग आधी आम है.
महिलाओं को प्रसव के बाद, रजोनिवृत्ति के दौरान और बढ़ती उम्र के साथ इसका ख़तरा ज़्यादा होता है. देश में 10-45% महिलाएं इस समस्या से पीड़ित हैं. लगभग 5-15% युवा इस समस्या का सामना करते हैं. बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में भी यह समस्या बढ़ जाती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में 20 वर्ष से अधिक आयु के अनुमानित 423 मिलियन लोग किसी न किसी रूप में मूत्र असंयम से पीड़ित हैं. यह एक गंभीर समस्या है, लेकिन लोग इसके बारे में बात करने में शर्म महसूस करते हैं. चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर है.
आज के लेख में हमे इन सवालो के जवाब मिलेंगे:
मूत्र असंयम मूत्राशय में मूत्र को नियंत्रित करने में असमर्थता है. यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक लक्षण है जो किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण हो सकता है.
लोग अक्सर इसके बारे में बात करने से कतराते हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। हालांकि, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। मूत्र असंयम के चार प्रकार हैं। इसे नीचे दिए गए ग्राफ़िक से समझें-
बार-बार पेशाब आने के कारण
इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें जीवनशैली से लेकर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं। कम समय में बहुत अधिक पानी या अन्य पेय पदार्थ पीने से बार-बार पेशाब आ सकता है। इसके कई अन्य कारण भी हैं, जिनमें कैफीन और शराब का सेवन, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट, गर्भावस्था, बढ़ती उम्र आदि शामिल हैं। इसके अलावा, मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई), अतिसक्रिय मूत्राशय (ओएबी), गुर्दे की बीमारी और मधुमेह जैसी स्थितियों के कारण भी बार-बार पेशाब आता है।
मूत्र असंयम के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसे समझें-
मूत्र असंयम के लक्षण
मूत्र असंयम का मुख्य लक्षण मूत्र का अनैच्छिक रिसाव है। यह अचानक या धीरे-धीरे रिसाव के रूप में हो सकता है। आपको ऐसा लग सकता है कि आपका मूत्राशय अभी पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है। आपको रात में बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है। मूत्र असंयम के कुछ अन्य लक्षण भी हैं। इसे नीचे दिए गए ग्राफ़िक से समझें- मूत्र असंयम का उपचार मूत्र असंयम का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है। इनमें जीवनशैली में बदलाव, व्यायाम, दवाएं और सर्जरी शामिल हैं। डॉक्टर असंयम के कारण के आधार पर उपचार का चयन करता है।
मूत्र असंयम को रोकने के उपाय बार-बार पेशाब आने की समस्या को रोकने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव ज़रूरी हैं। जैसे-
अपना वजन नियंत्रित रखें। इससे मूत्राशय पर दबाव कम पड़ता है।
नियमित व्यायाम करें। इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
धूम्रपान और शराब पीने से बचें। ये मूत्राशय के कामकाज में बाधा डालते हैं।
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और आर्टिफिशियल स्वीटनर से बचें।
खूब पानी पिएं, लेकिन सोने से पहले तरल पदार्थ का सेवन सीमित करें।
कब्ज से बचें, क्योंकि इससे मूत्राशय पर दबाव पड़ सकता है। इसके लिए फाइबर युक्त आहार लें।
एक निश्चित समय पर पेशाब करने की आदत डालें। धीरे-धीरे समय बढ़ाएं ताकि मूत्राशय अधिक पेशाब रोकने के लिए प्रशिक्षित हो जाए।
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Sat, May 31 , 2025, 10:15 AM