Cancer Campaign: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने लॉन्च किया एचपीवी-कैंसर जन जागरूकता अभियान!

Wed, May 21 , 2025, 06:31 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

जयपुर। भारत में हर साल 1.23 लाख से ज़्यादा सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं और जिनमें 77 हजार मौतें होती हैं जबकि गुदा कैंसर के 90 प्रतिशत मामले और लिंग कैंसर के 63 प्रतिशत मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) से जुड़े होते हैं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के देशव्यापी जन स्वास्थ्य अभियान के तहत बुधवार को जयपुर में ‘कॉन्कर एचपीवी एंड कैंसर कॉन्क्लेव 2025’ लॉन्च किया गया। जिसका लक्ष्य ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी)के प्रति जागरुकता लाना हैं ताकि समय पर इसे रोका जा सके। इस दौरान आईसीओ/आईएआरसी इनफार्मेशन सेंटर ऑन एचपीवी एंड कैंसर के मुताबिक यह जानकारी दी गई।

 पन्द्रह साल या उससे ज़्यादा की 51.4 करोड़ महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा है और हर साल सर्वाइकल कैंसर के एक लाख 23 हजार 907 नये मामले सामने आ रहे हैं। हर साल सर्वाइकल कैंसर से 77 हजार 348 मौतें हो रही हैं। इस अवसर पर बताया गया कि यह वायरस किस तरह सर्वाइकल और अन्य तरह के कैंसर का कारण बनता है उसे लेकर जागरूकता पैदा करना है। इस अभियान का मकसद लोगों में यह जागरूकता लाना है कि जल्दी इलाज के लिए कदम उठाकर इसे कैसे रोका जा सकता है।

भारत भी एचपीवी से संबंधित बीमारियों का बोझ सह रहा है और खास तौर पर सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित आबादी की संख्या खासी है। देश में कैंसर (cancer) से होने वाली महिलाओं की मौतों का यह दूसरा सबसे कारण है। कॉन्क्लेव की यह शृंखला सभी चिकित्सकीय विशेषज्ञों, (medical experts) स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों और स्थानीय स्तर पर काम करने वाली सोसाइटी को एक मंच प्रदान करती है कि वे आपस में बातचीत और जानकारी को साझा करके इस खतरनाक चुनौती से निपटने के लिए एकजुट हों।

इस मौके एचपीवी के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तार से चर्चा हुई। सभी ने इस वाइरस को लेकर तुरंत जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता, किशोरों और माता-पिता दोनों तक पहुंचने के महत्व और इससे बचाव में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। सभी ने इस बात पर भी जोर दिया कि एचपीवी सिर्फ सर्वाइकल कैंसर तक ही सीमित नहीं है। यह वल्वा, वैजाइना, ऐनस (गुदा), लिंग और ओरोफेरिंक्स (मुख-ग्रसनी) के कैंसर से भी जुड़ा है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है। 15 से 25 वर्ष की आयु के बीच एचपीवी संक्रमण की आशंका सबसे ज़्यादा होने के कारण, प्रारंभिक जागरूकता और समय पर इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाना जरूरी हैं।

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का हेडक्वार्टर पुणे में है और वैक्सीन की संख्या के हिसाब से यह दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। इसने भारत और दुनिया के कई देशों में जन स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता और चेतना लाने में अहम भूमिका निभाई है।

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