बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने एक संगीत कार्यक्रम के दौरान कन्नड़ लोगों का कथित रूप से अपमान करने के लिए दर्ज आपराधिक मामले में लोकप्रिय गायक सोनू निगम के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई किये जाने पर गुरुवार को रोक लगा दी , बशर्ते वह(निगम) पुलिस जांच में सहयोग करें। न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरन्नावर ने मामले को रद्द करने की मांग संबंधी निगम की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया। न्यायालय ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने पर रोक लगाई जाए और इस बात पर जोर दिया कि अगर गायक सहयोग करते हैं तो उनके खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
न्यायालय ने निगम को राहत देते हुए अपना बयान दर्ज कराने के लिए कर्नाटक में शारीरिक रूप से उपस्थित होने से छूट दी और कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा वैकल्पिक रूप से अगर पुलिस को उनके प्रत्यक्षत: बयान की आवश्यकता होती है, तो अधिकारी निगम के निवास पर जा सकते हैं तथा गायक को ऐसी यात्राओं का खर्च वहन करना होगा। यह मामला अप्रैल में ईस्ट पॉइंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एक संगीत कार्यक्रम के दौरान हुई घटना से जुड़ा है।
जब कुछ दर्शकों ने निगम से कन्नड़ में गाने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कथित तौर पर मना कर दिया और अनुरोध के लहजे की आलोचना की। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले से व्यवहार को जोड़कर एक विवादास्पद तुलना की। कर्नाटक रक्षण वेदिके की बेंगलुरु सिटी जिला इकाई के अध्यक्ष टीए धर्मराज ने 02 मई को शिकायत दर्ज करायी थी तथा 03 मई को अवलाहल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 351(2) (आपराधिक धमकी), 352(1) (शांति भंग करने के लिए उकसाना) और 353 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया। गायक ने अपनी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी है।
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Fri, May 16 , 2025, 01:02 PM