जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने राइजिंग राजस्थान के निवेश समझौतों को समयबद्ध पूर्ण कराने के लिए राज्य सरकार को प्रतिबद्ध बताते हुए कहा है कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट (Global Investment Summit) के माध्यम से राजस्थान की देश-दुनिया में निवेश के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में पहचान बनी है वहीं समिट में हुए निवेश समझौतों के धरातल पर उतरने से राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
श्री शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राइजिंग राजस्थान समिट के तहत अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में हुए एमओयू के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे निजी क्षेत्र में छह लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित करने के संकल्प को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राइजिंग राजस्थान के तहत हुए निवेश समझौतों को समयबद्ध धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। परियोजनाएं स्थापित करने में निवेशकों को सरकार का पूर्ण सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों से कहा कि वे अपने प्रोजेक्ट्स स्थापित करने की संपूर्ण प्रक्रिया के लिए चरणबद्ध रूप से समय का निर्धारण करें और उन्हें तय अवधि में पूरा करें। उन्होंने कहा कि निवेशक अपने प्रोजेक्ट की प्रगति से समय-समय पर राज्य सरकार को अवगत कराएं। श्री शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि निवेशकों और राज्य सरकार के सामंजस्य से परियोजनाएं समय पर मूर्त रूप लेंगी।
श्री शर्मा ने निवेशकों से कहा कि सरकार और निवेशकों के बीच समन्वय के लिए प्रत्येक परियोजना के अनुसार एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। वे तय समय में परियोजना का पूर्ण होना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रत्येक माह सभी प्रस्तावों के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा कर रही हैं। जिला कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव स्तर तक मॉनिटरिंग कर कार्यों को गति दी जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पवन, हाइब्रिड, बैट्री स्टोरेज और पम्प स्टोरेज परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन व कनेक्टिविटी के कार्यों को गति प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में सरप्लस स्टेट बनाने के उद्देश्य की पूर्ति में नवीनीकरणीय ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार आगामी वर्षों में राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 30 गीगावाट से बढ़ाकर 125 गीगावाट करने के लिए प्रयासरत है। सरकार सौर व पवन ऊर्जा आधारित परियोजनाओं के साथ पंप स्टोरेज तथा बैटरी स्टोरेज जैसे नवाचारों पर भी जोर दे रही है।
इस अवसर पर निवेशकों ने अपने एमओयू पर कार्यों की प्रगति को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा अनुरूप सभी परियोजनाओं को समयबद्ध और पारदर्शिता से धरातल पर उतारेंगे। निवेशकों ने अपने विभिन्न विषयों के समाधान पर मुख्यमंत्री की पहल पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्तमान सरकार के समय निवेश के लिए बेहतरीन माहौल बना है।
बैठक में बताया गया कि राइजिंग राजस्थान समिट के तहत 66.40 गीगावाट क्षमता की पवन तथा हाइब्रिड परियोजनाओं की स्थापना के लिए लगभग 4.23 लाख करोड़ रूपये के निवेश के 31 एमओयू हुए हैं। इनमें से 2 लाख करोड़ रूपये के निवेश के लिए 26 हजार 970 मेगावाट के 14 एमओयू की परियोजनाओं का पंजीकरण हो चुका है तथा 12 एमओयू के तहत कार्य की शुरूआत हो चुकी है। समिट के तहत बैट्री स्टोरेज परियोजनाओं के लिए 53 हजार 900 करोड़ रूपए के कुल 18 एमओयू हुए। इनमें बैट्री स्टोरेज मैन्यूफेक्चर्स के लिए 6 हजार 250 करोड़ रूपए के 5 और बैट्री स्टोरेज के लिए विकासकर्ताओं के साथ 47 हजार 650 करोड़ रूपए के 13 एमओयू हुए हैं।
पम्प भंडारण परियोजनाओं (Pump storage projects) के लिए 1.52 लाख करोड़ रूपए के निवेश के साथ 20.5 गीगावाट के लिए 13 एमओयू हुए हैं। इनमें सीपीएसयू द्वारा 73 हजार 800 करोड़ रूपए के निवेश के लिए 6 हजार 940 मेगावाट की क्षमता के 4 एमओयू, निजी विकासकर्ता द्वारा 78 हजार 67 करोड़ रूपए के निवेश के लिए 13 हजार 600 मेगावाट की क्षमता के 9 एमओयू हुए हैं।
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Mon, May 12 , 2025, 09:38 PM