मुंबई। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले (Terrorist attacks) का भारत ने करारा जवाब दिया है। 7 मई की आधी रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए पाकिस्तान पर हमला किया, जिसमें 9 आतंकवादी मारे (9 terrorists killed) गए। यह हमला रात 1:30 बजे किया गया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) (Kashmir (PoK) में एक आतंकवादी शिविर नष्ट कर दिया गया।
एनएसए प्रमुख अजीत डोभाल (NSA chief Ajit Doval) ने ऑपरेशन सिंदूर को लागू करने की प्रारंभिक जिम्मेदारी ली। डोभाल ने एक विशेष टीम के साथ इस ऑपरेशन की कमान संभाली और ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाया। यह पहली बार नहीं है जब भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया है। भारत ने पहले भी कई बार पाकिस्तान को धोखा दिया है। इस हमले के बाद भारतीय, रजी को याद किये बिना नहीं रह सकते। अभिनेत्री आलिया भट्ट जासूस सहमत की भूमिका निभा रही हैं, जो एक भारतीय लड़की है जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत के लिए जासूसी करने पाकिस्तान गई थी। वह भारतीय नायक कौन था जिसके सामने पाकिस्तान को भी झुकना पड़ा? आइये देखते हैं आलिया भट्ट द्वारा निभाई गई लड़की की सच्ची कहानी।
फिल्म 'राजी' (Movie 'Raazi') उपन्यास 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित है। यह कविता पूर्व नौसेना अधिकारी हरिंदर सिक्का द्वारा लिखी गई थी। यह उपन्यास एक भारतीय कश्मीरी लड़की पर आधारित है। यह कहानी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान की है। उस समय भारतीय सेना को पाकिस्तान की गतिविधियों को समझने के लिए एक खुफिया अधिकारी की आवश्यकता थी।
कश्मीर में एक व्यापारी ने अपनी कॉलेज छात्रा सहमत को देश के लिए जासूस बनने के लिए राजी कर लिया। दिलचस्प बात यह है कि सहमत कोई पेशेवर जासूस नहीं थी, वह एक साधारण लड़की थी लेकिन देश के लिए कुछ भी करने को तैयार थी।
सहमत की शादी एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी से हुई
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सहमत की शादी एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी से हुई। शादी के बाद वह पाकिस्तान में अपने ससुराल चली गईं। वहां रहते हुए उन्होंने भारत को अत्यंत गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराई।
हरिंदर सिक्का द्वारा लिखित पुस्तक 'कॉलिंग सहमत' के अनुसार, सहमत द्वारा दी गई जानकारी के कारण भारत ने कई बड़े संकटों से खुद को बचाया।
जब वह दो साल के लिए पाकिस्तान से लौटी तो वह गर्भवती थी।
इस दौरान सहमत दो साल तक पाकिस्तान में अपने ससुराल वालों के साथ रहीं। इस दौरान उन्होंने भारत को कई महत्वपूर्ण गुप्त सूचनाएं उपलब्ध कराईं। युद्ध के निकट आने पर जब वह भारत लौटीं तो वह गर्भवती थीं। बाद में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया जो आगे चलकर भारतीय सेना में अधिकारी बना।
लेखिका हरिंदर सिक्का को सहमत की कहानी कैसे पता चली?
कारगिल युद्ध पर शोध करते समय हरिंदर सिक्का की मुलाकात सहमत के बेटे से हुई। उस समय उन्हें अपनी मां के साहसिक कारनामे के बारे में पता चला। इसके बाद सिक्का ने 'कॉलिंग सहमत' नामक पुस्तक लिखी।
हरिंदर सिक्का ने कहा कि सहमत द्वारा भारतीय खुफिया एजेंसियों को दी गई सभी जानकारियों की पुष्टि की गई और वे पूरी तरह सत्य पाई गईं। इस पुस्तक को लिखने में मुझे आठ वर्ष लगे।
सहमत को केवल संपर्क बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। लेकिन वह इससे भी आगे बढ़ गईं और उन्होंने गोपनीय दस्तावेज और आंदोलनों की जानकारी प्राप्त कर भारत को दे दी।
सिक्का कहते हैं कि यदि कॉलिंग सहमत नामक पुस्तक नहीं लिखी गई होती तो सहमत की कहानी, कई अन्य जासूसी कहानियों की तरह, कभी प्रकाश में नहीं आती। एक साधारण लड़की जो प्रेम के कारण नहीं बल्कि देशभक्ति के कारण दुश्मन देश में रहने चली गई। यह कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायी है।
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Wed, May 07 , 2025, 12:02 PM