Chanakya Niti: महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने कई राजनीतिक और आर्थिक सलाह दी हैं। उन्होंने वैवाहिक और व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी मार्गदर्शन दिया है। उन्होंने व्यक्ति को चार चीजों से दूर रहने की सलाह दी है। उन चार में से एक महिला है।
अत्यासन्नः विनाशाय दिष्ट न फलप्रदः | सेव्या मध्यम्भवेन राजवाह्निगुरु: स्त्री: ||
इसका अर्थ यह है कि राजा, अग्नि, गुरु और स्त्री के साथ निरंतर नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। लेकिन उनसे दूर रहने से भी कोई लाभ नहीं है। इसलिए, इनसे निपटने के लिए मध्य मार्ग अपनाने पर विचार करना चाहिए। इसे मध्य मार्ग कहा जाता है।
चाणक्य का कहना है कि मध्यम मार्ग का मतलब है कि व्यक्ति को किसी भी वस्तु या विचार में न तो बहुत अधिक उलझना चाहिए और न ही उसे पूरी तरह त्याग देना चाहिए। मध्य मार्ग में दोनों पक्षों को थोड़ा-थोड़ा त्याग करके मध्य मार्ग चुनना होगा।
नोट - यह लेख आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति पर आधारित है। न्यूज18मराठी का इन विचारों से कोई लेना-देना नहीं है।
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Mon, Apr 14 , 2025, 10:15 AM