April Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में महादेव को देवों का देव माना जाता है। भगवान शिव की पूजा (Worship of Lord Shiva) करने से आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही, यह घर में सकारात्मक माहौल बनाने में भी मदद करता है। प्रदोष व्रत देवों के देव भगवान महादेव (Lord Mahadev) को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव, देवी पार्वती और पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। यह व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत का वर्णन शिव पुराण में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भक्ति भाव से भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इससे आपके घर में खुशियां और समृद्धि भी आती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत, यानि चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, 9 अप्रैल को रात 10:55 बजे शुरू होगा और अगले दिन 11 अप्रैल को रात 10 बजे समाप्त होगा। पूजा त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में पहला प्रदोष व्रत 10 अप्रैल को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत रखने से आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी और आपके मन की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:44 से 8:59 बजे तक रहेगा. इस अवधि के दौरान भक्तगण अनुष्ठान के अनुसार पूजा-अर्चना कर सकते हैं। कनेर के फूल, कलावा, गंगा जल, दूध, पवित्र जल, साबुत चावल, शहद, फल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, भांग, पान, धूपबत्ती, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तकें आदि। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्त को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। इसके अलावा विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने से आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें। शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, गंगाजल, पान, चंदन, अक्षत और पुष्प से अभिषेक करें। प्रदोष व्रत के दिन शिव पुराण का पाठ करें या प्रदोष व्रत कथा सुनें। प्रदोष (शाम) के समय भगवान महादेव की पूजा करने का विशेष महत्व है।
प्रदोष व्रत का महत्व….
ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने से शिव परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कहा जाता है कि यह व्रत जीवन की सभी समस्याओं को दूर करता है।
इस व्रत को करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास प्राप्त होता है।
ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत पिछले पापों को दूर करता है।
यह व्रत व्यक्ति को धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करता है।
भगवान शिव का मंत्र...
ॐ नमः शिवाय।
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
ओम तत्पुरुषाय विदमेह, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्र प्रचोदयात्।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
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Wed, Apr 09 , 2025, 10:18 PM