Hanuman Jayanti 2025: यह मंदिर पंचक्रोश में प्रसिद्ध है। वहां के पुजारी कहते हैं कि यह स्थान बाल हनुमानजी के विवाह के कारण प्रसिद्ध है। नागपुर के नरखेड तालुका में बेलोना बालमूर्ति हनुमान का मंदिर है। यह मंदिर पंचक्रोश (Temple Panchkrosh) में प्रसिद्ध है। वहां के पुजारी कहते हैं कि यह स्थान बाल हनुमानजी के विवाह के कारण प्रसिद्ध है।
इसके अलावा खास बात यह है कि यहां बाल हनुमान (Bal Hanuman) की मूर्ति केवल ढाई दिन के लिए ही भक्तों के दर्शन के लिए खुली रहती है। अन्य दिनों में मूर्ति को ताले में बंद रखा जाता है। यहां के निवासियों का यह भी कहना है कि किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं है। आज हम यह जानने जा रहे हैं कि इसके पीछे क्या किंवदंती है।
हनुमान वनवास की कथा क्या है? इस संबंध में बजरंगबली रथयात्रा महोत्सव ट्रस्ट बेलोना के अध्यक्ष प्रदीप जोशी (Pradeep Joshi) ने बताया कि बाल हनुमान की यह मूर्ति हमारे पूर्वजों को जमीन से मिली थी। कई साल पहले इस घर में आग लग गई थी। तभी उसमें से एक आवाज आई और अगर आप आवाज की दिशा देखें तो आपको पता चलेगा कि आवाज ज़मीन से आ रही है। फिर हमारे पूर्वजों ने आवाज़ की दिशा में खुदाई शुरू कर दी। बाल हनुमान की यह मूर्ति यहीं से प्राप्त हुई थी।
उन्होंने आगे बताया कि जमीन से निकाले जाने के बाद मूर्ति को मंदिर में लाया गया। जब यह बात पता चली तो हनुमान जी ने स्वयं कहा, "मैं ढाई दिन का हूँ।" इसलिए मुझे साल में केवल ढाई दिन के लिए बाहर रखो। बाकी दिन मुझे कोई नहीं देख सकेगा। मुझे पूरे दिन ढक कर रखना। इसलिए यहां बाल हनुमान की मूर्ति को ढककर रखा गया है।
दत्त जयंती से शुरू होकर चतुर्दशी, पूर्णिमा और प्रतिपदा तक यहां मंदिर में तीन दिनों तक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। चौदहवें दिन रात्रि में रथ प्रस्थान करता है। सुबह हनुमानजी मंदिर में होते हैं। शाम को वे रथ पर सवार होते हैं, जिसके बाद जुलूस निकाला जाता है। फिर अगले दिन यह रथ पूरे दिन मंदिर के पास ही रहता है।
मन्नत मांगने वाले लोग और अन्य भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। दर्शन पूरे दिन जारी रहता है। फिर तीसरे दिन पुनः जुलूस निकाला जाता है। गोपालकाला कृष्ण मंदिर और राम मंदिर में किया जाता है। फिर मंदिर में स्थित मारोती और रथ में स्थित मारोती का मिलन होता है। इसके बाद आरती के साथ तीर्थयात्रा का समापन होता है। बेलोना गांव में ये तीन दिन दिवाली की तरह होते हैं। अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने बताया कि इन तीन दिनों तक इस बाल मूर्ति के दर्शन सभी लोग कर सकेंगे।
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Wed, Apr 09 , 2025, 10:02 PM