Anoop Soni: क्राइम पेट्रोल (Crime Patrol) में कहानियां कहने के अपने अनोखे अंदाज से घर-घर तक पहुंचने वाले अनूप सोनी हमेशा से अपनी प्रेम कहानी को लेकर चर्चा में रहे हैं। क्राइम पेट्रोल पर अनूप सोनी कई अनैतिक प्रेम कहानियों (immoral love stories) और उनके परिणामस्वरूप होने वाली हत्याओं को अपने अंदाज में दर्शकों के सामने पेश करते हैं। हालाँकि, अनूप सोनी के अफेयर की भनक उनकी पत्नी को लग गई। बहुत कम लोग जानते हैं कि अनूप सोनी राज बब्बर (Raj Babbar) के दामाद हैं।
अनूप सोनी की दो शादियां हो चुकी हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम रितु सोनी (Ritu Soni) है और उनकी दूसरी पत्नी राज बब्बर की बेटी जूही हैं। रितु के साथ शादी के कई साल बिताने के बाद अनूप सोनी का जूही बब्बर के साथ अफेयर शुरू हो गया। रितु को अनूप पर शक होने लगा था। रितु को अनूप और जूही दोनों पर शक था। इसके बाद उसने अपने पति अनूप की कॉल डिटेल्स (call details) निकलवाई। तभी रितु को एहसास हुआ कि अनूप और जूही काफी देर से फोन पर बात कर रहे थे।
पहली पत्नी से तलाक के बाद राज बब्बर की बेटी से की शादी
पति के धोखे से टूट चुकी रितु ने 2010 में अनूप सोनी से तलाक ले लिया। इसके बाद अनूप सोनी ने 2011 में जूही से शादी कर ली। अनूप सोनी ने टेलीविजन से शोहरत और पैसा दोनों कमाया। उनके शो बालिका वधू और क्राइम पेट्रोल बहुत लोकप्रिय थे। अनूप ने एक इंटरव्यू में अपने एक्टिंग करियर और संघर्ष के बारे में खुलकर बात की थी। उन्होंने कहा कि संघर्ष के दिनों में मुझे खाने की कमी होती थी और आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता था। मैं 13 से 20 वर्ष की आयु के बीच जयपुर में रहा और वहां मेरी हिन्दी में सुधार हुआ। यह वह समय था जब मुझे अभिनय में रुचि पैदा हुई और मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित था।
अनूप सोनी ने एक साक्षात्कार में कहा कि एनएसडी में आने से पहले मेरे लिए अभिनय का मतलब सिर्फ पटकथा और संवाद पढ़ना था। जब मैं एनएसडी में शामिल हुआ तो मुझे एहसास हुआ कि अभिनय के साथ-साथ करने को बहुत कुछ है। मैं व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों रूप से अपने जीवन को आकार देने के लिए एनएसडी का सदैव आभारी रहूंगा। 90 के दशक के अंत में मैंने कुछ दोस्तों के साथ मुंबई आने का फैसला किया। चूंकि कोई भी मेरे पास आकर कोई भूमिका देने को तैयार नहीं था, इसलिए मेरे वरिष्ठों ने मुझे यह परियोजना स्वीकार करने की सलाह दी।
अनूप ने कहा, 'उस समय हमारे पास कोई कास्टिंग डायरेक्टर नहीं था। मुख्य भूमिकाओं के लिए अभिनेताओं का चयन फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों द्वारा किया गया। ये सहायक निर्देशक ही थे जो हमें सहायक भूमिकाओं के लिए चुनते थे। इसलिए मैंने काम के लिए उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया।' अनूप ने बताया कि संघर्ष के दिनों में उन्हें खाने की भी किल्लत हो गई थी। वहां कोई काम नहीं था और उन्हें लगातार नौकरी के लिए अलग-अलग दफ्तरों में जाना पड़ता था। आगे बोलते हुए अनूप ने कहा था, 'मैं भाग्यशाली था कि मुझे उन दिनों बड़े आर्थिक संघर्षों से नहीं गुजरना पड़ा। क्योंकि हम 2-3 दोस्त एक साथ रहते थे। मेरे माता-पिता ने मुझे थोड़ी सी रकम दी थी। इसलिए आप दोबारा नहीं पूछ सकते। मेरे पिता सरकारी नौकरी में थे और उनकी कुछ सीमाएँ थीं।



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Sat, Apr 05 , 2025, 02:52 PM