Health Tips: जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए कई काम मुश्किल हो जाते हैं। होम्योपैथी (homeopathy) की तरह आयुर्वेद में भी इसका समाधान है। जोड़ों के दर्द के कारण साधारण कार्य भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसके कई प्राकृतिक और प्रभावी उपचार हैं। इससे जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन कम करने में मदद मिलती है।
जोड़ों के दर्द के कारण बिस्तर से उठना या सीढ़ियां चढ़ना जैसी साधारण गतिविधियां भी कठिन हो सकती हैं। यदि इसका उपचार न किया जाए तो मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और गति कम हो सकती है। इन सभी गतिविधियों को आसान बनाने के लिए उचित उपचार लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
जोड़ों के दर्द को कम करने के तीन आयुर्वेदिक उपचार
1. हल्दी वाला दूध - प्राकृतिक सूजन रोधी हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी यौगिक है, जो जोड़ों की अकड़न, सूजन और दर्द को कम करने में उपयोगी है। एक कप गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं। अच्छी तरह मिलाएं और पी लें।
2. ओट्स - ओट्स में थाइमोल होता है, जिसमें मजबूत एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। गर्म सेंक लगाने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों की अकड़न से राहत मिलती है। एक पैन में दो बड़े चम्मच अंडा सूखा भून लें। इसे मलमल के कपड़े या सूती बैग में लपेटें और दर्द वाले जोड़ पर 10-15 मिनट तक लगाएं। जोड़ों की अकड़न से राहत पाने के लिए ऐसा दिन में एक या दो बार करें।
3. अश्वगंधा चूर्ण जोड़ों और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भी उपयोगी है। अश्वगंधा एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है। इसका उपयोग सूजन को कम करने, मांसपेशियों को मजबूत करने और क्षति को कम करने के लिए किया जाता है। इससे हड्डियों का स्वास्थ्य और मांसपेशियों की गतिशीलता में सुधार होता है। आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गर्म दूध या पानी में मिलाकर दिन में एक बार पियें।
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Fri, Apr 04 , 2025, 09:58 PM