Garuda Purana: 6 महीने पहले ही व्यक्ति के मन में बज जाती है मौत की घंटी; गरुड़ पुराण के अनुसार दिखाई देते हैं ये 7 लक्षण!

Wed, Apr 02 , 2025, 09:31 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Garuda Purana: गरुड़ पुराण (Garuda Purana) वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा एक महान पुराण माना जाता है। हिंदू धर्म में कुल 18 पुराणों का वर्णन किया गया है। इनमें से एक है गरुड़ पुराण। यह पुराण व्यक्ति के कर्मों और उनके आधार पर उसे मिलने वाले अच्छे-बुरे परिणामों के बारे में बताता है। इस पुराण के देवता भगवान विष्णु हैं। इसलिए इस पुराण को वैष्णव पुराण के नाम से भी जाना जाता है। व्यक्ति को अपने जीवन में अपने कर्मों का फल अवश्य मिलता है। मनुष्य को उसके कर्मों का फल उसकी मृत्यु के बाद भी मिलता है।

गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी ही बातें बताई गई हैं। जिसके कारण व्यक्ति को अपनी मृत्यु का आभास पहले ही हो जाता है। व्यक्ति को पहले ही यह एहसास होने लगता है कि उसकी मृत्यु निकट है। हमें इसके संकेत मिलने लगे हैं। ऐसा माना जाता है कि आत्मा 13 दिनों तक घर में रहती है। इसलिए, मृत्यु के बाद 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। दूसरी ओर, व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बारे में पहले से ही पता होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी 6 महीने पहले कर सकता है। हमें इसके कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं। मृत्यु से पहले व्यक्ति को संकेत मिलते हैं। इसलिए, हम भविष्य में होने वाली मौतों का 6 महीने पहले ही अनुमान लगा सकते हैं।

मृत्यु का संकेत देने वाले 7 संकेत क्या हैं?

- कोई व्यक्ति अपने नाक के अगले हिस्से को अपने हाथ से नहीं देख सकता। यदि किसी के साथ ऐसा हो तो समझ लीजिए कि उस व्यक्ति की मृत्यु निकट है।

- यदि पूजा के बाद दीपक बुझने पर व्यक्ति को उसकी सुगंध न आए तो समझ लें कि व्यक्ति की मृत्यु निकट है।

- यदि कोई व्यक्ति अपने दोनों कानों को अंगुलियों से बंद करने के बाद भी अपने कानों में कोई आवाज नहीं सुन पाता है, तो ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की शीघ्र ही मृत्यु हो जाएगी।

- यदि किसी व्यक्ति को पानी और तेल में अपनी परछाईं दिखना बंद हो जाए तो यह माना जाता है कि लगभग एक महीने में उसकी मृत्यु होने वाली है।

- यदि घर से निकलते ही कोई कुत्ता आपका पीछा करे और ऐसा चार दिन से अधिक समय तक जारी रहे तो समझ लीजिए कि मृत्यु आपके निकट है।

- गरुड़ पुराण के अनुसार जब व्यक्ति मृत्यु के करीब होता है तो उसे यमदूत दिखाई देने लगते हैं।

- जैसे-जैसे मृत्यु निकट आती है, हाथों की रेखाएं फीकी पड़ने लगती हैं या कभी-कभी तो दिखाई ही नहीं देतीं।

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