Garud Puran Ke Rahasya: गरुड़ पुराण एक धार्मिक ग्रन्थ (Religious text) है जो मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है या पाप और पुण्य के बारे में सब कुछ बताता है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद व्यक्ति को न केवल अच्छे और बुरे कर्मों का बोध होता है, बल्कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसका भी बहुत ज्ञान प्राप्त होता है। इसमें यह भी बताया गया है कि परमेश्वर ने पाप या अधर्म के कार्य करने वालों के लिए क्या दण्ड निर्धारित किया है। गरुड़ पुराण (Garud Puran) में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की भक्ति और उन्हें प्रसन्न करने वाले शुभ कार्यों का भी उल्लेख है।
इस पुस्तक में प्रत्येक पाप की सजा भी दी गई है...
इस पुस्तक में प्रत्येक पाप की सजा का भी वर्णन किया गया है। इनमें से एक है आत्महत्या। आत्महत्या को बहुत बड़ा पाप माना जाता है। जो व्यक्ति आत्महत्या करके ईश्वर द्वारा दिया गया अनमोल मानव जीवन बर्बाद करता है, उसे पापी माना जाता है। ऐसे लोगों को असामयिक मृत्यु के बाद बुरी स्थिति का सामना करना पड़ता है। भागवताचार्य पंडित राघवेंद्र शास्त्री (Pandit Raghavendra Shastri) के अनुसार आइए जानें कि गरुड़ पुराण के अनुसार आत्महत्या करने वालों के साथ नरक में कैसा व्यवहार किया जाता है।
भयंकर पीड़ा सहनी पड़ती है
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग जीवन के सात चक्र पूरे करने से पहले आत्महत्या कर लेते हैं, उनकी आत्मा को भयंकर पीड़ा होती है। जो लोग अकाल मृत्यु से मरते हैं, जैसे जलकर मरना, फांसी लगाना, जहर खा लेना, सांप के काटने से मरना आदि, ये सभी अकाल मृत्यु की श्रेणी में आते हैं।
आत्मा को 84 लाख योनियों में भटकना पड़ता है!
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मानव शरीर आसानी से उपलब्ध नहीं है। मानव शरीर प्राप्त करने के लिए आत्मा को 84 लाख योनियों तक भटकना पड़ता है और तब जाकर ईश्वर की कृपा से उसे मानव शरीर प्राप्त होता है। ऐसे अमूल्य शरीर को नष्ट करने के बाद पापी को बहुत कष्ट भोगना पड़ता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, आत्महत्या करने वाले व्यक्ति को 13 विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता है और उसे 7 नरकों में से सबसे भयानक नरक में 60,000 वर्ष बिताने पड़ते हैं।
न तो नरक और न ही स्वर्ग में कोई स्थान दिया गया है!
गरुड़ पुराण के अनुसार, आत्मा आमतौर पर मृत्यु के 30 या 40 दिनों के भीतर नया शरीर धारण कर लेती है। लेकिन आत्महत्या करने वाले लोगों की आत्माएं अनंत काल तक भटकती रहती हैं। ऐसी पापी आत्माओं को न तो नरक में जगह दी जाती है और न ही स्वर्ग में। ये आत्माएं इस लोक और परलोक में भटकती रहती हैं।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Thu, Mar 27 , 2025, 07:31 PM