Karnataka Assembly: कर्नाटक विधानसभा में हनी ट्रैप को लेकर हंगामा

Fri, Mar 21 , 2025, 04:11 PM

Source : Uni India

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly) में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों की ओर से कांग्रेस सरकार पर हनी ट्रैप रैकेट (honey trap racket) चलाने का आरोप लगाने और कथित घोटाले की न्यायिक जांच (judicial probe) की मांग करने के बाद हंगामा मच गया। भाजपा के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फाड़े और स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए धरना दिया। हंगामे के बीच, कुछ भाजपा विधायकों ने विधानसभा के अंदर सीडी लहराईं और दावा किया कि उनके पास घोटाले के सबूत हैं। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने आरोपों के खिलाफ अपनी सरकार का बचाव करते हुए सदन को संबोधित करने का प्रयास किया, लेकिन व्यवधान जारी रहा।

यह विवाद सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना के बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि करीब 48 लोग हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं और उनके आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं। उनके इस बयान ने राज्य में राजनीतिक तूफान मचा दिया है। भाजपा नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने इस घटना को ‘विधायकों के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पार्टी की राजनीति से जुड़ा मामला नहीं है। यह लोगों की सेवा करने वाले विधायकों के खिलाफ एक गंभीर साजिश है। कुछ लोग गुप्त एजेंडे के तहत हनी ट्रैप में शामिल हैं।

भाजपा नेता ने ‘एक्स’ पर लिखा, "मुख्यमंत्री को अपने कैबिनेट मंत्रियों की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। हनी ट्रैप कांड की गहन जांच जरूरी है। रिपोर्ट बताती है कि जज और राजनीतिक नेता इसके शिकार हुए हैं। इसलिए, उच्च न्यायालय के मौजूदा जज को जांच करनी चाहिए। मुख्यमंत्री सहित किसी को भी राजनीतिक अवसरवाद के स्तर तक नहीं गिरना चाहिए।" न्यायिक जांच की मांग जोर पकड़ती जा रही है, इसलिए आने वाले दिनों में यह मुद्दा कर्नाटक के राजनीतिक विमर्श पर हावी होने की उम्मीद है।

श्री सिद्दारमैया ने सदन को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बचाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि दोषियों को सजा मिले। गृह मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि अगर श्री राजन्ना शिकायत दर्ज कराते हैं, तो उच्च स्तरीय जांच शुरू की जाएगी। हालांकि, राजन्ना ने किसी का नाम नहीं लिया। अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो उसके अनुसार कार्रवाई की गई होती। इस मामले में किसी को बचाने का सवाल ही नहीं उठता।"

श्री सिद्दारमैया ने कहा कि श्री राजन्ना ने किसी का नाम नहीं लिया है, अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाती। इस मामले में किसी को भी संरक्षण देने की बात नहीं है। वहीं, यहां के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कल घोषणा की थी कि एमएलसी राजेंद्र राजन्ना (जो केएन राजन्ना के बेटे हैं) के साथ जुड़े कथित हनी ट्रैप मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाएगा। यह विवाद तब और बढ़ गया जब भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनल ने श्री राजन्ना का नाम मामले में जोड़ा, जिससे राजनीतिक तनाव और भी बढ़ गया।

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