Health Tips: मधुमेह जिसे हम मधुमेह (diabetes) कहते हैं। यह शरीर में इंसुलिन के असंतुलन के कारण होने वाला विकार है। इंसुलिन के उत्पादन में कमी के कारण शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। मधुमेह से अंधापन, हृदय रोग या मूत्राशय संबंधी समस्याएं (heart disease or bladder problems) हो सकती हैं। यह विकार शरीर में शर्करा के स्तर को बढ़ाता है और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। मधुमेह के कारण आंखों के स्वास्थ्य पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं। इन परिणामों को सही समय पर पहचानना और उनके विरुद्ध उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आकाश राउत ने इस बारे में जानकारी दी है।
मधुमेह का आँखों पर प्रभाव
1. मधुमेह रेटिनोपैथी
मधुमेह से आंख की रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है। इस विकार के कारण रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं, छोटे-छोटे रक्तस्राव हो सकते हैं, या नई रक्त वाहिकाएं बन सकती हैं। इन कारणों से दृष्टि हानि हो सकती है और गंभीर मामलों में पूर्ण अंधापन भी हो सकता है।
2. मोतियाबिंद
मधुमेह के कारण आंखों के लेंस में धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है। इसे मोतियाबिंद कहा जाता है। सामान्य लोगों की तुलना में मधुमेह से पीड़ित लोगों में मोतियाबिंद होने की संभावना अधिक होती है।
3. ग्लूकोमा
ग्लूकोमा एक विकार है जो आंख में दबाव बढ़ने के कारण होता है, जो ऑप्टिक तंत्रिका (दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण तंत्रिका) को नुकसान पहुंचाता है। यदि ग्लूकोमा की समय पर पहचान नहीं की गई तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है। मधुमेह से ग्लूकोमा विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. दृष्टि और नज़र का धुंधला होना
शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि या कमी के कारण दृष्टि धुंधली हो सकती है। इससे दृष्टि पर सीधा असर पड़ता है, जिससे जानकारी प्राप्त करना कठिन हो जाता है।
पैमाने
1. शुगर को नियंत्रित करना
सबसे महत्वपूर्ण उपाय रक्त शर्करा को नियंत्रित करना है। अपने शुगर के स्तर की नियमित जांच करना तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेना जारी रखना महत्वपूर्ण है। भोजन के समय, व्यायाम और दवाओं के नियमित उपयोग से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. नियमित नेत्र जांच
मधुमेह से पीड़ित लोगों को हर साल आंखों की जांच के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी आंखों की बीमारियों का शीघ्र पता लगने से उनका इलाज संभव हो सकेगा।
3. सूर्य की रोशनी से सुरक्षा
आंखें UV किरणों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए धूप में निकलते समय धूप का चश्मा पहनना महत्वपूर्ण है। इससे आंखों को होने वाली क्षति से बचाव होगा।
4. तम्बाकू और शराब से परहेज़ करें
तम्बाकू और शराब रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिसका असर आंखों पर पड़ सकता है। इसलिए इन बुरी आदतों से बचना जरूरी है।
5. वजन नियंत्रण
मधुमेह के प्रबंधन के लिए शरीर का वजन नियंत्रित रखना, नियमित व्यायाम करना और संतुलित आहार खाना महत्वपूर्ण है। इससे शर्करा के स्तर को कम रखने और आंखों की क्षति को रोकने में मदद मिल सकती है।
6. नशीली दवाओं का उपयोग
कभी-कभी डॉक्टर रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और अन्य संबंधित समस्याओं के लिए दवाएं लिख सकते हैं, जिससे आंखों पर पड़ने वाला प्रभाव कम हो सकता है।
मधुमेह का आंखों पर प्रभाव गंभीर हो सकता है, लेकिन उचित देखभाल और नियमित जांच से इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। डॉ. आकाश राउत का कहना है कि रक्त शर्करा को नियंत्रित करके, नियमित नेत्र परीक्षण करवाकर और जीवनशैली में उचित बदलाव लाकर मधुमेह से होने वाली दृष्टि क्षति को रोका जा सकता है।
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Wed, Mar 19 , 2025, 10:36 PM