Age difference between husband and wife: शादी के रिश्ते में सिर्फ प्यार और विश्वास ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उम्र का फासला भी लंबे समय तक खुशहाल शादीशुदा जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। अक्सर कहा जाता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, लेकिन विवाहित जीवन में यह बात कितनी सच है? प्राचीन भारतीय विद्वान आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने विवाह दर्शन सहित समाज के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया है। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार पति-पत्नी के बीच उम्र का फासला (age difference between husband and wife) रिश्ते की मिठास और समझ को प्रभावित करता है। यदि उम्र में उचित अंतर हो तो रिश्ते अधिक मजबूत और लंबे समय तक चलने वाले हो सकते हैं। तो फिर आदर्श आयु अंतराल क्या है? और इसका रिश्ते पर क्या प्रभाव पड़ता है? आइये पता करें।
रिश्ते में उम्र का अंतर और समझ
चाणक्य नीति के अनुसार, यदि पति-पत्नी के बीच उचित आयु का अंतर हो तो रिश्ते में अधिक समझ और परिपक्वता देखी जा सकती है। वृद्ध पति अधिक अनुभवी होते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं। चाणक्य ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पति-पत्नी के बीच उम्र का अंतर तीन से पांच वर्ष होना चाहिए। इससे दोनों व्यक्ति मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। उम्र का अंतर इतना बड़ा है कि दोनों के दृष्टिकोण भिन्न हो सकते हैं। इसलिए पति-पत्नी के बीच उम्र का उचित अंतर होना चाहिए ताकि वे एक-दूसरे के प्रति समझ, प्रेम और सम्मान बनाए रख सकें।
भावनात्मक स्थिरता और परिपक्वता
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए दोनों भागीदारों के बीच भावनात्मक स्थिरता आवश्यक है। चाणक्य नीति कहती है कि एक पुरुष को मानसिक और आर्थिक रूप से स्थिर होना चाहिए, और उसकी पत्नी की आयु इतनी होनी चाहिए कि वह उस स्थिरता को ठीक से संभाल सके। यदि उम्र का अंतर बहुत कम या बहुत अधिक होगा तो दोनों के बीच विचार की गति में बहुत अंतर आएगा, जिससे संवाद कम होगा और समस्याएं बढ़ेंगी।
पारिवारिक जिम्मेदारी और वित्तीय स्थिरता
चाणक्य के अनुसार पति को परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने में सक्षम होना चाहिए। यदि पति अधिक उम्र का है तो उसके पास अधिक अनुभव और निर्णय लेने की शक्ति होती है। हालाँकि, उम्र में बड़ा अंतर पति-पत्नी की जीवनशैली और सोच में बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। इसलिए, वृद्ध साथी के साथ वित्तीय सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है, लेकिन विचारधारा में अंतर से असहमति की संभावना बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य और दीर्घकालिक सह-अस्तित्व
उम्र का अंतर पति-पत्नी के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। यदि उम्र में बहुत अधिक अंतर है, तो अगले कुछ वर्षों में एक साथी दूसरे से अधिक उम्र का हो जाएगा, जिससे रिश्ते में असंतुलन पैदा हो सकता है। चाणक्य कहते हैं कि अगर उम्र में संतुलन हो तो रिश्ते लंबे समय तक चलते हैं और पार्टनर एक-दूसरे का बेहतर ख्याल रख सकते हैं।
वैवाहिक संबंध
चाहे महिला हो या पुरुष, हर कोई चाहता है कि उसका पार्टनर सुंदर और फिट हो। यदि पति-पत्नी में से कोई एक अधिक उम्र का है और बूढ़ा दिखता है, तो वह आसानी से दूसरे व्यक्ति की ओर आकर्षित हो सकता है। सुन्दरता की खोज में गलत कदम उठाये जाते हैं और इससे संसार के लिए हानिकारक चीजें पैदा होती हैं, जैसे अनैतिक सम्बन्ध, तलाक आदि। इसलिए पति-पत्नी के बीच की दूरी न तो बहुत ज्यादा होनी चाहिए और न ही बहुत कम। उन्हें एक दूसरे के साथ संगत होना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार आदर्श आयु अंतराल कितना होना चाहिए?
चाणक्य नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पति-पत्नी के बीच 5 से 6 वर्ष का अंतर आदर्श माना जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक और व्यावहारिक कारण हैं। यदि पुरुष की उम्र थोड़ी अधिक है तो वह अधिक स्थिर और जिम्मेदार होता है, जबकि पत्नी अधिक लचीली रहती है। यदि यह अंतर बहुत अधिक हो तो भागीदारों के बीच मानसिकता, शारीरिक ऊर्जा और जीवनशैली में बड़ा अंतर आ जाता है, जो रिश्ते में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Wed, Mar 19 , 2025, 04:30 PM