Health Tips: क्या मधुमेह रोगी गुड़ खा सकते हैं? विशेषज्ञों से अपने सभी सवालों के जवाब पाएं!

Tue, Mar 18 , 2025, 08:30 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Diabetic person And Jaggery: मधुमेह आजकल हर जगह पाई जाने वाली एक आम बीमारी है। इस बीमारी में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। मधुमेह रोगियों (Diabetics) को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कई लोग गुड़ को चीनी का विकल्प मानते हैं। लेकिन क्या मधुमेह रोगी सचमुच गुड़ खा सकते हैं? आइये इस पर विस्तृत जानकारी और विशेषज्ञों (Experts) की राय जानें।
गुड़ क्या है?

गुड़ गन्ने के रस से बना एक प्राकृतिक स्वीटनर है। इसमें चीनी के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। गुड़ चीनी की तुलना में कम प्रसंस्कृत होता है, यही कारण है कि इसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन हमें मधुमेह के नजरिए से इस बारे में कैसे सोचना चाहिए?

गुड़ और रक्त शर्करा

यद्यपि गुड़ प्राकृतिक है, लेकिन इसमें शर्करा (sucrose, glucose and fructose) बहुत अधिक होती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index) चीनी के करीब है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है। मधुमेह रोगियों के लिए यह एक खतरनाक कारक हो सकता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, मधुमेह रोगियों को उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।

विशेषज्ञ की राय

झारखंड के आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. लोकल 18 से बात करते हुए प्रभात कुमार ने कहा कि मधुमेह के रोगियों को कृत्रिम मिठास के बजाय प्राकृतिक मिठास का उपयोग करना चाहिए। हालाँकि, इसकी मात्रा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए प्रतिदिन 125 मिलीग्राम से अधिक गुड़ का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक हो सकता है।

डॉ। जाने-माने मधुमेह विशेषज्ञ प्रदीप गाडगे ने एक साक्षात्कार में कहा, "गुड़ चीनी का थोड़ा बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन मधुमेह रोगियों को इसे नियमित रूप से और अधिक मात्रा में खाने से बचना चाहिए। अगर इसे कम मात्रा में और डॉक्टर की सलाह पर खाया जाए तो ठीक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है।"

गुड़ खाने के फायदे और नुकसान

लाभ:

-गुड़ एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है, क्योंकि इसमें आयरन और अन्य खनिज होते हैं।

-चूंकि यह चीनी की तुलना में कम प्रसंस्कृत होता है, इसलिए इसमें कुछ पोषक तत्व बरकरार रहते हैं।

-पाचन में सुधार के लिए पारंपरिक भारतीय आहार में गुड़ का उपयोग किया जाता है।

नुकसान:

-गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 80 के आसपास होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए खतरनाक है।

-अधिक खाने से रक्त शर्करा अनियंत्रित हो सकती है।

-मधुमेह रोगियों को अपनी कुल कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट सीमा के भीतर रहना चाहिए, और गुड़ आसानी से इन सीमाओं को पार कर सकता है।

आपको कितना गुड़ खाना चाहिए?

यदि किसी मधुमेह रोगी को गुड़ खाना ही है तो उसे बहुत कम मात्रा में (जैसे 5-10 ग्राम) और केवल डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह पर ही खाना चाहिए। उदाहरण के लिए, किसी त्यौहार के अवसर पर थोड़ा गुड़ खाना ठीक है, लेकिन आपको इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करने से बचना चाहिए। इसके अलावा गुड़ का सेवन करने के बाद ब्लड शुगर लेवल की जांच करना भी जरूरी है।

विकल्प क्या हैं?

मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए, चीनी या गुड़ के स्थान पर स्टीविया, सुक्रालोज़ या मोंक फ्रूट जैसे प्राकृतिक और कृत्रिम मिठास का उपयोग किया जा सकता है। ये विकल्प रक्त शर्करा को प्रभावित नहीं करते और सुरक्षित माने जाते हैं।


मधुमेह रोगियों को गुड़ खाने से पूरी तरह परहेज नहीं करना है, लेकिन इसका सेवन बहुत सीमित और नियंत्रित होना चाहिए। हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग-अलग होती है, इसलिए गुड़ का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. वैद्य शर्मा ने कहा। इसलिए, मधुमेह रोगियों को मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन में हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए।

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