Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) को विशेष महत्व दिया जाता है। वास्तु शास्त्र में कई नियम हैं जिनका पालन करना महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से आपके जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है। वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों का पालन करने से आपके स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आप खाना खाते समय गलत दिशा में बैठते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। भोजन हमारे शरीर के लिए जितना महत्वपूर्ण है, उससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम सही जगह पर बैठकर भोजन करते हैं या नहीं। धर्मग्रंथ हमें यह भी बताते हैं कि भोजन करते समय हमें कहाँ बैठना चाहिए।
वास्तु शास्त्र आपको बताता है कि आपको भोजन करते समय कहां बैठना चाहिए। यदि आप अपने जीवन में उन्नति, सफलता और शुभ परिणाम चाहते हैं तो भोजन करते समय सही दिशा की ओर मुख करके बैठना आवश्यक है। भोजन करते समय सही दिशा में बैठने से आपके जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिशा में अलग-अलग प्रकार की ऊर्जा होती है। यदि हम सही दिशा की ओर मुख करके बैठकर भोजन करते हैं तो वहां की ऊर्जा हमारे शरीर के लिए लाभदायक होती है।
पूर्व दिशा -
पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से मस्तिष्क तेज रहता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक तनाव कम होता है। इससे मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है। यह दिशा बुजुर्गों और बीमारों के लिए सबसे अधिक लाभकारी मानी जाती है। जिन लोगों को अक्सर पेट की समस्या रहती है उन्हें पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठकर भोजन करना चाहिए।
पश्चिम दिशा –
पश्चिम दिशा को लाभ की दिशा कहा जाता है। इस दिशा में बैठकर भोजन करने से उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा व्यापार, नौकरी, लेखन, शोध और शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। इससे व्यापार में लाभ मिलता है और घर में धन-समृद्धि बढ़ती है।
उत्तर दिशा –
उत्तर दिशा को धन और ज्ञान की दिशा माना जाता है। इस दिशा में बैठकर भोजन करने से बुद्धि तेज होती है और सफलता मिलती है। विशेषकर युवाओं और विद्यार्थियों को अपने करियर में सफलता पाने के लिए उत्तर दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए।
इस दिशा में बैठकर खाना न खाएं...
वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा सबसे अशुभ मानी जाती है। दक्षिण दिशा यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा है, इसलिए इस दिशा में बैठकर भोजन करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है और घर में दरिद्रता आती है। परिवार में वाद-विवाद बढ़ता है और उनकी उन्नति में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं। विशेषकर जिनके माता-पिता जीवित हैं, उन्हें इस दिशा में बैठकर भोजन करने से बचना चाहिए।
भोजन कक्ष की सही दिशा….
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का भोजन कक्ष हमेशा पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इस दिशा को शुभ माना जाता है और इस दिशा में बैठकर खाना खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होती।
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Mon, Mar 17 , 2025, 10:00 AM