राज्य सरकार की नीतियों से विकसित राजस्थान का सपना हो रहा है साकार- राठौड़

Tue, Mar 11 , 2025, 08:23 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

जयपुर: राजस्थान के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (Rajyavardhan Rathore) ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के साथ एमओयू को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है और सरकार की नीतियों से विकसित राजस्थान का सपना साकार हो रहा है। कर्नल राठौड़ सोमवार रात विधानसभा में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की (मांग संख्या-56) अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की 11 अरब 96 करोड़ 04 लाख 18 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी। इससे पहले राठौड़ ने कहा कि निवेशकों के लिए लालफित्ताशाही की जगह लाल कारपेट बिछाया जा रहा है। नई नीतियां लाकर हर क्षेत्र में निवेश को सरल एवं सुविधाजनक बनाया गया है। आईटी, एआई, रोबोटिक्स, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स आदि आधुनिक क्षेत्रों का सभी उद्योगों में समावेश कर प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जा रहा है। इस हेतु विशेषज्ञों को जोड़ा जा रहा है एवं कौशल विकास कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के माध्यम से प्रदेश में निवेश हेतु 35 लाख करोड़ रूपए के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है। 2.25 लाख करोड़ रूपए से अधिक से एमओयू का क्रियान्वयन भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि तुलनात्मक रूप से गत सरकार के दौरान आयोजित इन्वेस्टमेन्ट समिट में 12.50 लाख करोड़ रूपए का निवेश आया। इसमें से भी केवल 28 हजार करोड़ रूपए के लागत से एमओयू का क्रियान्वयन हो सका। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान हस्ताक्षरित एक हजार करोड़ रूपए से अधिक एमओयू की प्रगति की मॉनिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा लगातार बैठकें लेकर कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी हस्ताक्षरित एमओयू धरातल पर उतरे।

उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा हेतु अभिनव पहल करते हुए प्रदेश सरकार विभिन्न नई नीतियां लेकर आई है। इनमें प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति-2024, राजस्थान निर्यात संवर्द्धन नीति, राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति-2024, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना जैसे नवाचार शामिल है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई उद्योग अर्थव्यवस्था का मूलाधार है। यह जीडीपी में निर्यात के 45 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रखते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इसे ध्यान में रखते हुए नई एमएसएमई पॉलिसी लाई गई है। साथ ही एक जिला, एक उत्पाद की नीति को भी वहृद स्तर पर लागू किया जा रहा है। इससे प्रदेश के पारम्परिक एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन मिल रहा है। आज इन नीतियों की देशभर में चर्चा है। इनसे लगातार निवेशक प्रदेश में आ रहे है एवं राइजिंग राजस्थान समिट समापन होने के बाद भी एमओयू साइन करने का क्रम जारी है। उन्होंने कहा कि जहां गत सरकार ने कोई डेटा पॉलिसी ही नहीं बनाई, वहीं उद्योगों हेतु इसकी महत्ता समझते हुए अपने पहले वर्ष में ही हमारी सरकार ने डेटा पॉलिसी लॉन्च की है।

उद्योग मंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट से ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक 28 लाख करोड़ रूपए के एमओयू साइन हुए है। इससे प्रदेश ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ा है। जहां गत सरकार के 4 हजार मेगावाट की इन्स्टॉल्ड कैपेसिटी विकसित कर पाई थी, वहीं हमारी सरकार ने एक साल में ही 2680 मेगावाट की इन्स्टॉल्ड कैपेसिटी विकसित की है। उन्होंने कहा कि गत सरकार द्वारा लाई गई डाईरेक्ट लेण्ड अलॉटमेन्ट योजना के तहत केवल पांच भूमि आवंटन ही हुए। हमने इस नीति में सुधार करते हुए बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के 50 हजार वर्गमीटर तक के प्लॉट का आवंटन रीको में लॉटरी सिस्टम के माध्यम से करने का प्रावधान किया है। इससे अधिक आकार के प्लॉट के आवंटन हेतु कमेटी का प्रावधान है लेकिन उसमें भी मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम रखा गया है। उन्होंने कहा कि पाली-मारवाड़ औद्योगिक पार्क हेतु गत बजट में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही 275 करोड़ रूपए से औद्योगिक पार्क हेतु पीएचईडी टेण्डर किया गया है।

उन्होंने कहा कि रिप्स 2024 में नये प्रावधान कर निवेशकों हेतु विभिन्न प्रक्रियाओं को सुगम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हर विभाग एवं मंत्रालय में संबंधित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। साथ ही निजी क्षेत्र की तर्ज पर एक क्लाइंट सर्विस मैनेजर नियुक्ति करने की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि राज निवेश पोर्टल के माध्यम से 149 प्रकार की सेवाएं निवेशकों को उपलब्ध कराई जा रही है। सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाते हुए निवेशकों द्वारा संबंधित फाइलों की प्रगति का ऑनलाइन अवलोकन करने की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम पर प्राप्त 10 हजार 490 आवेदनों में से 7 हजार 540 आवेदनों का स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बताये गए रिफार्म, परफार्म एवं ट्रांसफार्म के सूत्र को अंगीकार करते हुए प्रदेश सरकार लगातार राज्य की प्रगति के लिए अहम निर्णय ले रही है।

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