मंत्री जी, सारे सवालों के जवाब पढ़कर ही देंगे: जया बच्चन

Mon, Mar 10 , 2025, 02:33 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ (Minister of State for Defence Sanjay Seth) प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में वन रैंक वन पेंशन (OROP) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के सवालों के जबाव दे रहे थे, तभी समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन (Samajwadi Party MP Jaya Bachchan) नाराज हो गईं और उन्होंने आसन के जरिए राज्य मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि क्या आप सारे सवालों के जवाब पढ़कर ही देंगे, तैयारी करके आना चाहिए था। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह श्रीमती बच्चन का सवाल नहीं है बल्कि उन्होंने अपना विचार रखा है। इससे पहले श्री सेठ ओआरओपी से जुड़े सवालों के साथ ही दिव्यांग सैनिकों के पेंशन वाले एक सवाल का भी जवाब दे चुके थे। श्री सेठ ने सभी पूरक प्रश्नों के उत्तर पढ़कर ही दिया था।

उन्होंने कहा कि ओआरओपी की मांग 1972 से ही रही थी और पूर्व सैनिकों को इसके लिए 42 वर्षाें तक इंतजार करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लागू किया और मोदी की गारंटी को पूरा किया। पूर्व पेंशनभोगियों के पेंशन को पुनरीक्षित किया गया है। औसत से अधिक पेंशन पाने वालों को चार किश्त में पेंशन दी जा रही, लेकिन पारिवारिक पेंशन भागियों को एक मुश्त पेंशन दिया जा रहा है। ओआरओपी की सभी मांगों को सुलझा दिया गया है। इसके तहत अब तक एक लाख 24 हजार करोड़ रुपये दिया गया है।

 सेठ ने कहा, “हमारी सरकार पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने सैनिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए पूरी तरह से तत्पर है। सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के मान सम्मान अभिमान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान दिव्यांग हुये लोगोें को दिव्यांगता का लाभ दिया जाता है। सेवानिवृत्ति के बाद भी दिव्यांग होने पर प्रावधानों के तहत लाभ दिया जाता है और यह पेंशन नहीं है।”

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिकायत की व्यवस्था से शिकायतों में वृद्धि हुयी है। इससे शिकायतों को जल्दी से निपटारे में मदद मिलेगी। 199 सेवा केन्द्र चलाये जा रहे हैं। 14 बैंकों के साथ ही कॉमन सर्विस सेंटर और बैंकों के सीएसपी पर यह सुविधा उपलब्ध है। पोटर्ल से भी शिकायत की जा सकती है। इसकी निगरानी की जाती है। पोर्टल अच्छी तरह से चल रहा है। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री सेठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल का रवैया पूर्व सैनिकों के प्रति सही नहीं है। बंगाल के नौ जिलों में जिला सैनिक बोर्ड नहीं है। इस बोर्ड की साल में एक बैठक होती है लेकिन वर्ष 2015 के बाद पश्चिम बंगाल में कोई बैठक नहीं हुयी है। राज्य सरकार को इन बोर्डों की बैठक बुलानी चाहिए।

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