मुंबई : विधानसभा सत्र (assembly session) के पहले दिन से ही विपक्ष आक्रामक हो गया है। सत्र के पहले दिन एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड (NCP MLA Jitendra Awhad) हथकड़ी पहनकर विधान भवन में प्रवेश कर गए। उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर सरकार पर निशाना साधा। विधान परिषद में कार्यवाही की शुरुआत में ही विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (Opposition Ambadas Danve) ने दोषी मंत्रियों का मुद्दा उठाया।
उन्होंने शोक संदेश से पहले यह मुद्दा उठाया। इससे विरोधियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने कहा कि संबंधित सदस्य निचले सदन के सदस्य हैं। तो हम इसके बारे में बाद में बात कर सकते हैं। हालाँकि, विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ। एक मंत्री को दण्डित किया गया है। विपक्ष ने सवाल उठाया कि इस पर सरकार का रुख क्या है, इस पर सरकार की मांगें क्या हैं। इसके बाद अंततः मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) ने जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दिन इतनी अफरातफरी मचेगी। हालांकि, मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहूंगा कि अदालत ने मंत्री (माणिक कोकाटे) के संबंध में सुनवाई पूरी कर ली है। फडणवीस ने सदन को आश्वस्त किया कि चूंकि यह मुद्दा अभी विचार के लिए बंद है, इसलिए सदन या राज्यपाल अदालत का आदेश आने के बाद इस पर निर्णय लेंगे। इसके बाद अध्यक्ष ने शोक प्रस्ताव पेश किया।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ सदन ने विधान परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. घनश्याम दुबे, नारायण वैद्य और सुभाष चव्हाण के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसके बाद परिषद को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यपाल के अभिभाषण पर मंगलवार और बुधवार को चर्चा होगी।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला
विधानमंडल के बाहर बोलते हुए विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। अपराध भी दर्ज किये जा रहे हैं। मौलिक अधिकार अक्षुण्ण बने रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में भारतीयों के साथ अनुचित व्यवहार किया गया है। उन्हें विमान में बिठाकर भारत भेजना अपमानजनक है। लोगों को जो कष्ट सहना पड़ रहा है वह इन जंजीरों से कम नहीं है। महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम ने की थी। लेकिन, यह विचार किसका था? यहाँ भी यही प्रकार है।
पूरी जांच होनी चाहिए
एनसीपी विधायक (Sharad Chandra Pawar) रोहित पवार ने पूर्व सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच के खिलाफ आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। सेबी एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण संस्था है जो शेयर बाजार और अन्य सभी संस्थाओं को नियंत्रित करती है। आम आदमी शेयर बाजार में भारी मात्रा में पैसा निवेश करता है। इसलिए, अपने पद का उपयोग अपने उद्देश्यों के लिए तथा किसी अन्य कंपनी के लाभ के लिए करना अच्छी बात नहीं है। यदि सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय ने उस राष्ट्रपति के विरुद्ध निर्णय दिया है, तो सरकार को निश्चित रूप से गहराई से सोचना चाहिए। क्या उन्होंने ऐसा कंपनी, व्यक्ति या अपने लाभ के लिए किया? विधायक पवार ने अपेक्षा की कि इसकी जांच होनी चाहिए।
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Mon, Mar 03 , 2025, 01:06 PM