FICCI Critical Minerals: अधिक से अधिक महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी करना सरकार का लक्ष्य : सतीश चंद्र दुबे!

Fri, Feb 21 , 2025, 08:02 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। केंद्रीय खान एवं कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे (Satish Chandra Dubey) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा तथा विद्युत वाहन बैटरी (Electric Vehicle Battery) जैसे उद्योगों के लिए जरूरी खास प्रकार के खनिज उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से 2031 तक महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी को अधिकतम करने की योजना बनाई है।

 दुबे ने कहा कि सरकार हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के लिए आवश्यक खनिजों के लिए घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के रणनीतिक प्रयासों का विस्तार करना चाहती है। उन्होंने यहां उद्योग मंडल फिक्की द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के खनिजों की स्थिति के बारे में आयोजित सम्मेलन में महत्वपूर्ण खनिजों के लिए आयात निर्भरता को कम करने के लिए सरकार के रणनीतिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

इस अवसर पर फिक्की-डेलॉइट रिपोर्ट “माइन टेलिंग्स एंड ओवरबर्डन” (Mine Tailings and Overburden) जारी की गयी। डेलॉइट के पार्टनर राजीब मैत्रा ने कहा कि अगले दशक में अकेले लिथियम की मांग में नौ से दस गुना वृद्धि होने की उम्मीद है।

सरकार ने जनवरी के अंत में 16,300 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन को मंजूरी दी, जिसमें सात वर्षों में कुल मिला कर 34,300 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय की परिकल्पना की गई है। खान एवं कोयला राज्य मंत्री ने कहा, “सरकार ने पहले ही घरेलू स्तर पर 24 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर दी है, और हमारा लक्ष्य 2031 तक अधिक से अधिक महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी करना है।” उन्होंने कहा कि यह पहल भारत की खनिज सुरक्षा को बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के प्रति संवेदनशीलता को कम करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

उन्होंने खनिज अन्वेषण और निष्कर्षण गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया। भारत महत्वपूर्ण खनिजों, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों के लिए आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की वैश्विक श्रृंखलाओं के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच इस क्षेत्र में भारत की रणनीतिक पहल तेज कर दी है।

फिक्की की महानिदेशक ज्योति विज ने कहा कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का शुभारंभ समय पर हुआ है और यह महत्वपूर्ण खनिजों पर बजट में वृद्धि के साथ मेल खाता है। उन्होंने कहा कि इससे आयात पर निर्भरता कम करने और स्थिर आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने, महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों के उत्पादन तथा खनिज समग्री के पुनर्चक्रण और वैश्विक आधार पर सम्पत्तियों के अधिग्रहण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

सुश्री विज ने इस अवसर पर महत्वपूर्ण खनिजों पर फिक्की समिति के गठन की घोषणा की, जो क्षेत्र के मुद्दों को संबोधित करने और अवसरों का लाभ उठाने के लिए सरकार और उद्योग हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी।

सम्मेलन में वेदांता के समूह मुख्य अर्थशास्त्री धीरज नैयर ने खनन क्षेत्र में सुव्यवस्थित अनुमोदन प्रक्रियाओं और अन्वेषण गतिविधियों के लिए भूमि आवंटन में लचीलेपन को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

वैश्विक स्तर पर लिथियम-आयन पुनर्चक्रण का व्यवसाय करने वाली कंपनी एलओएचयूएमके उपाध्यक्ष प्रत्यूष सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन योजना उद्योग की मांगों के लिए एक व्यवस्थित नीति प्रतिक्रिया का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे व्यापक परामर्श के बाद विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि लिथियम का वैश्विक उत्पादन वर्तमान 130,000 टन है जिसके अगले दशक में दस गुना बढ़ने की उम्मीद है।

श्री सिन्हा ने कहा कि तेजी से बढ़ता बाजार इसमें नयी कंपनियों के लिए अवसर पैदा करेगा।

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