Mumbai GBS Update : मुंबईकरों में तनाव बढ़ गया है! गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से एक व्यक्ति की मौत, मृतकों की संख्या 8 हुई

Wed, Feb 12 , 2025, 01:13 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Mumbai GBS Update : राज्य में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) (Guillain-Barré Syndrome (GBS)) का कहर जारी है। यह बीमारी अब मुंबई में भी फैल रही है और इस बीमारी से पीड़ित 53 वर्षीय एक मरीज की बुधवार को मुंबई में मौत हो गई। बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त भूषण गगरानी ने बताया कि जीबीएस के कारण मुंबई और राज्य में यह आठवीं मौत है। इससे पहले मंगलवार को पुणे के 37 वर्षीय ड्राइवर की भी जीबीएस से मौत हो गई थी। जीबीएस का पहला मरीज पिछले शुक्रवार को मुंबई में पाया गया। यहां एक 64 वर्षीय महिला में इस बीमारी का पता चला। मनपा आयुक्त एवं राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक भूषण गगरानी ने बताया कि मरीज का मनपा अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में इलाज चल रहा है। बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, अंधेरी ईस्ट में रहने वाली महिला को बुखार और दस्त के बाद लकवा मार जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुंबई में एक और 53 वर्षीय संक्रमित मरीज की मौत हो गई। बुधवार को पुणे संभाग में पांच नए जीबीएस मरीज पाए गए, जिससे संदिग्ध और पुष्ट जीबीएस मरीजों की संख्या 197 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें दो नए मरीज और तीन पहले से संक्रमित मरीज शामिल हैं।

197 मामलों में से 172 में जी.बी.एस. का निदान किया गया है। इसमें पुणे नगर निगम क्षेत्र से 40 मरीज, नगर निगम में नए शामिल हुए गांवों से 92, पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम से 29, पुणे ग्रामीण से 28 और अन्य जिलों से 8 मरीज शामिल हैं।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) क्या है?
गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक स्वप्रतिरक्षी विकार है, जो आमतौर पर वायरल संक्रमण के कुछ सप्ताह बाद होता है, जिससे अंगों में लकवा हो जाता है और कुछ मामलों में गर्दन, श्वसन और निगलने वाली मांसपेशियों पर भी असर पड़ता है। यह रोग वयस्क पुरुषों में आम है, लेकिन यह सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। जीबीएस के गंभीर मामलों में लगभग पूर्ण पक्षाघात हो सकता है। इस रोग में लगभग 95 प्रतिशत मामलों में निचले अंगों में कमजोरी महसूस होती है। शेष 5 प्रतिशत मामलों में ऊपरी अंगों में कमजोरी महसूस होती है।

यद्यपि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, फिर भी रोग की गंभीरता को कम करने और शीघ्र स्वस्थ होने के लिए उपचार उपलब्ध हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, जीबीएस कोई महामारी नहीं है। इसके अलावा, इस रोग के फैलने के वास्तविक कारणों के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं है। हालाँकि, यह बीमारी दूषित पानी और खराब भोजन खाने से हो सकती है। 3 फरवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी। नड्डा ने महाराष्ट्र के शीर्ष स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें राज्य में जीबीएस रोगियों के लिए परीक्षण एवं उपचार रणनीतियों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की गई।

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