बजट चर्चा: विपक्ष ने राज्य सभा में सरकार पर अर्थव्यवस्था को खोखला करने का लगाया आरोप

Tue, Feb 11 , 2025, 04:15 PM

Source : Uni India

नयी दिल्ली, 11 फरवरी (वार्ता)। विपक्ष ने 2025-26 के बजट पर मंगलवार को राज्य सभा (Rajya Sabha) में चर्चा के दौरान सरकार पर नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे फैसलों से अर्थव्यवस्था को खोखला करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की नीतियों के कारण बचत, निवेश और रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
इसके विपरीत सत्ता पक्ष ने बजट में मध्यम वर्ग के लिए कर राहत, बुनियादी सुविधाओं के विकास, मुफ्त अनाज और सामाजिक विकास की योजनाओं के लिए सरकार की सराहना की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा पहली फरवरी को प्रस्तुत बजट पर आज दूसरे दिन की चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य साकेत गाखले ने कहा, “अर्थव्यवस्था की दीवारों को अंदर से दीमक लग चुकी है, वित मंत्री ऊपर से 27 तरह के रंग-रोगन लगा कर उसे चमकाने की कोशिश की है लेकिन इससे इससे ढहने से नहीं बचाया जा सकता।”
श्री गोखले ने अपने बजट भाषण को सरकार के खिलाफ आरोप-पत्र के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि नोटबंदी, जीएसटी, कोविड के लॉक-डाउन से देश में निवेश और रोजगार के रास्ते बंद हो गए है। सरकार ने कर वसूली की ताकत से पूंजीगत खर्च बढ़ा कर कुछ बुनियादी ढांचे जरूर खड़े किए हैं पर अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि इस समय भारत ‘टैक्सफ्लेशन’ (कर और मुद्रास्फीति के दबाव) की स्थिति में दब गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री हर बजट में नयी योजनाओं की घोषणा करती हैं और पिछली योजनाओं को भुला दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भुगतानशुदा इंटरर्नशिप योजना में पिछले साल के बजट में सवा लाख से अधिक युवाओं को इंटरर्नशिप देने की बात की गयी थी पर यह संख्या 10 हजार से अधिक नहीं पहुंची है।
कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोर ने सदन में अपना पहला भाषण देते हुए बजट में अनुसूचति जाति - जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए बजट के प्रावधानों को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि पिछड़े और गरीब लोगों का जब तक आर्थिक-सामाजिक उत्थान नहीं होगा, 1947 तो क्या उसके 50 साल बाद तक भी देश वास्तव में विकसित राष्ट्र नहीं बन सकेगा।
श्री हंडोर ने अनुसूचित जाति -जनजाति के कल्याण के लिए आवंटित पैसे के लैप्स होने की स्थिति में सरकारी अधिकारियों को जिम्मेदार बनाने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग भी की और कहा कि इसमें कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान हो।
सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने लगातार आठवीं बार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण को बधाई देते हुए सरकार के पिछले दस साल के परिवर्तनकारी कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत अल्पकाल में तेजी से बढ़ते हुए आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के करीब है। गरीबी हटाओं का नारा पहले नारा मात्र लगता था, आज यह हकीकत बन रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने गरीबों के लिए चार करोड़ मकान बनाए हैं। अगले पांच साल में इतने ही मकान और बनाए जाएंगे। दुनिया में कोई भी देश, चाहे वह कितना ही विकसित क्यों न हो, सबके लिए आवास जैसे इतने जटिल मुद्दे को इस ढंग से नहीं सुलझाया है।”
श्री पटेल ने बजट में एक लाख मासिक की आय को कर मुक्त करने की वित्त मंत्री की घोषणा को संघर्षशील मध्यवर्ग के लिए बड़ी राहत बताते हुए कहा कि इससे साल में लोगों को 80 हजार की बचत होगी।
बजट पर दूसरे दिन की चर्चा शुरू करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के डॉ. भागवत कराड ने महंगाई को लगाम में रखने, कर्ज सस्ता करने , किसान और समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के विकास व कल्याण के लिए किए गए कार्यों तथा नए नए मंत्रालयों के गठन का उल्लेख किया।
उन्होंने जीएसटी, एक देश एक चुनाव, वक्फ कानून संशोधन और सुधारों के लिए सरकार की अन्य पहलों पर विपक्षी दलों के विरोध का उल्लेख करते हुए विपक्ष से कहा, “आप पोलिटिकल चश्मा उतारें, सुधारों का विरोध न करें।”
वाईएसआरसीपी के मेदा रघुनाधा रेड्डी ने कहा कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने गरीब, किसान , युवा एवं मध्यम वर्ग के हित में इस बजट को तैयार किया है। आयकर में हाल में किये गये सुधारों विशेषकर 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने से लोगों की खरीद शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
बीजू जनता दल के शुभाशीष खुंटिया ने कहा कि रुपये में जारी गिरावट के साथ ही अन्य वैश्विक चुनौतियाें से निटपने के लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में अभी डबल इंजन की सरकार है, लेकिन उसकी झोली खाली है। बजट में ओडिशा का नाम तक नहीं लिया गया है। ओडिशा के किसानों को केन्द्र की मदद की जरूरत है, लेकिन केन्द्र सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है जिसके कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा है, जबकि चुनाव को देखकर बिहार को कई परियोजनायें दी गयी। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को दिया जाता है, लेकिन ओडिशा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नहीं दिया जा रहा है। विकसित भारत की बात की जाती है, लेकिन मध्यम वर्ग, गरीब और किसान के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
राष्ट्रीय जनता दल के संजय यादव ने कहा कि बजट में की गयी घोषणायें बिहार चुनाव के मद्देनजर एक बुलबुला है जो चुनाव के बाद फट जायेगा। बजट में किसी के लिए कुछ भी नहीं है। बिहार को बहुत दिये जाने की बात कही जा रही है जबकि सच्चाई यह है कि कुछ भी नहीं मिला है। पिछले तीन बजट से जो घोषणायें की जा रही है यह दिल्ली में ही रह जा रही है। इनकी घाेषणायें बिहार में जिस तरह के पुल है उसी तरह की है। बजट में सिर्फ पटना हवाई अड्डे के विस्तार की घोषणायें की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। मखाना बोर्ड बनाने की बात कही गयी है, लेकिन कई वर्ष पहले मखाना रिसर्च सेंटर की बात हुयी थी। बिहार पिछड़ा राज्य है। बेरोजगारी के लिए क्या योजना है। बिहार के किसानों की आय देश में सबसे कम है। बिहार को विशेष पैकेज नहीं दिया गया। बिहार को इस लोगों ने नीचे से नंबर बनाया है। बिहार को अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पेपरलीक, नौकरी मांगने पर लाठी मारने पर नंबर वन बनाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार को नफरत, हिंसा आदि पर जीएसटी लगाना चाहिए।
निर्दलीय कपिल सिब्बल ने कहा कि इस देश में बच्चों का शिक्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है। जब तक उनको गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिलेगी तब तक विकसित भारत नहीं हो सकता है। विकसित भारत का मतलब शिक्षित भारत है। 21वीं सदी के लिए जो कौशल चाहिए वह 20वीं सदी का नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआई) पर अब जोर देने की जरूरत है। सिर्फ बजटीय प्रावधान से नहीं होगा। देश का दोहरे अंक की वृद्धि की जरूरत है। यदि आपका विजन सही होगा तो हम सब समर्थन करने के लिए तैयार है।
भारतीय जनता पार्टी के कुंवर रतनजीत प्रताप नारायाण सिंह ने कहा कि यह कहा जाता है कि बजट में मध्यम वर्ग को कुछ नहीं दिया गया है। कांग्रेस की मानसिकता निराशापूर्ण है। उन्होंने कहा, “ किसानों की बात बहुत होती है। मैं किसान हूं, लेकिन विपक्ष के सदस्य दिल्ली के फॉर्म हाउसों में बैठकर बात करते हैं।” उन्होंने कहा कि जब किसान आत्महत्या करता है तो तृणमूल कांग्रेस कहती है कि विवाह के कारण या तनाव में मर गया है। 
वाईएसआरसीपी के मेदा रघुनाधा रेड्डी ने कहा कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने गरीब, किसान , युवा एवं मध्यम वर्ग के हित में इस बजट को तैयार किया है। आयकर में हाल में किये गये सुधारों विशेषकर 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने से लोगों की खरीद शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
बीजू जनता दल के शुभाशीष खुंटिया ने कहा कि रुपये में जारी गिरावट के साथ ही अन्य वैश्विक चुनौतियाें से निटपने के लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में अभी डबल इंजन की सरकार है, लेकिन उसकी झोली खाली है। बजट में ओडिशा का नाम तक नहीं लिया गया है। ओडिशा के किसानों को केन्द्र की मदद की जरूरत है, लेकिन केन्द्र सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है जिसके कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा है, जबकि चुनाव को देखकर बिहार को कई परियोजनायें दी गयी। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को दिया जाता है, लेकिन ओडिशा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नहीं दिया जा रहा है। विकसित भारत की बात की जाती है, लेकिन मध्यम वर्ग, गरीब और किसान के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
राष्ट्रीय जनता दल के संजय यादव ने कहा कि बजट में की गयी घोषणायें बिहार चुनाव के मद्देनजर एक बुलबुला है जो चुनाव के बाद फट जायेगा। बजट में किसी के लिए कुछ भी नहीं है। बिहार को बहुत दिये जाने की बात कही जा रही है जबकि सच्चाई यह है कि कुछ भी नहीं मिला है। पिछले तीन बजट से जो घोषणायें की जा रही है यह दिल्ली में ही रह जा रही है। इनकी घाेषणायें बिहार में जिस तरह के पुल है उसी तरह की है। बजट में सिर्फ पटना हवाई अड्डे के विस्तार की घोषणायें की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। मखाना बोर्ड बनाने की बात कही गयी है, लेकिन कई वर्ष पहले मखाना रिसर्च सेंटर की बात हुयी थी। बिहार पिछड़ा राज्य है। बेरोजगारी के लिए क्या योजना है। बिहार के किसानों की आय देश में सबसे कम है। बिहार को विशेष पैकेज नहीं दिया गया। बिहार को इस लोगों ने नीचे से नंबर बनाया है। बिहार को अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पेपरलीक, नौकरी मांगने पर लाठी मारने पर नंबर वन बनाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार को नफरत, हिंसा आदि पर जीएसटी लगाना चाहिए।
निर्दलीय कपिल सिब्बल ने कहा कि इस देश में बच्चों का शिक्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है। जब तक उनको गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिलेगी तब तक विकसित भारत नहीं हो सकता है। विकसित भारत का मतलब शिक्षित भारत है। 21वीं सदी के लिए जो कौशल चाहिए वह 20वीं सदी का नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआई) पर अब जोर देने की जरूरत है। सिर्फ बजटीय प्रावधान से नहीं होगा। देश का दोहरे अंक की वृद्धि की जरूरत है। यदि आपका विजन सही होगा तो हम सब समर्थन करने के लिए तैयार है।
भारतीय जनता पार्टी के कुंवर रतनजीत प्रताप नारायाण सिंह ने कहा कि यह कहा जाता है कि बजट में मध्यम वर्ग को कुछ नहीं दिया गया है। कांग्रेस की मानसिकता निराशापूर्ण है। उन्होंने कहा, “ किसानों की बात बहुत होती है। मैं किसान हूं, लेकिन विपक्ष के सदस्य दिल्ली के फॉर्म हाउसों में बैठकर बात करते हैं।” उन्होंने कहा कि जब किसान आत्महत्या करता है तो तृणमूल कांग्रेस कहती है कि विवाह के कारण या तनाव में मर गया है।

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