GBS: जीबीएस ने अंग फैलाये! पुणे से लातूर तक राज्य के पांच जिलों में तबाही, जीबीएस ने स्वास्थ्य व्यवस्था हाई अलर्ट पर!

Tue, Jan 28 , 2025, 08:24 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई। पुणे में जीबीएस के मरीज मिलने के बाद अब राज्य में कई जगहों पर जीबीएस के मरीज मिलने लगे हैं। पुणे में इस बीमारी के 100 से ज्यादा मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट मोड पर (Health system on alert mode) है क्योंकि मराठवाड़ा और विदर्भ में भी मरीज पाए गए हैं। जीबीएस रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पुणे में उच्चस्तरीय डॉक्टरों की एक टीम नियुक्त की है। महाराष्ट्र के लिए केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) दिल्ली, बेंगलुरु, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और एनआईवी, पुणे के सात विशेषज्ञ शामिल हैं।

पुणे के बाद सोलापुर में 2, कोल्हापुर में 2, नागपुर में 3 और लातूर में 2 संदिग्ध जीबीएस मरीज पाए गए हैं। अब चूंकि राज्य के अन्य भागों में भी जीबीएस के मरीज पाए जा रहे हैं, इसलिए दूषित जल के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। घर-घर जाकर मरीज खोजने का अभियान भी शुरू किया गया है। चूंकि इस बीमारी को महात्मा फुले स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया है, इसलिए निजी अस्पतालों को इन रोगियों को मुफ्त इलाज देने का आदेश दिया गया है।


केंद्रीय टीम की नियुक्ति
केंद्र सरकार ने गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों से निपटने में राज्य की सहायता के लिए एक उच्च स्तरीय और बहु-विषयक टीम महाराष्ट्र भेजी है। जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए, राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को सलाह और सहायता देने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम पुणे भेजी गई है। पुणे में इस समय गिलियन-बैरे सिंड्रोम का प्रकोप है और एक मरीज की मौत से शहर के नागरिकों में भय का माहौल बन गया है।

टीम कैसे काम करेगी?
केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली, निम्हान्स, बेंगलुरु, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के सात विशेषज्ञ शामिल हैं। पुणे स्थित एनआईवी के तीन विशेषज्ञ स्थानीय प्रशासन की सहायता कर रहे हैं। यह टीम राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जमीनी स्थिति का आकलन करेगी तथा आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सिफारिश करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नजर रख रहा है और राज्य के साथ समन्वय करके सक्रिय कदम उठा रहा है।

गयोन बैरे सिंड्रोम का क्या कारण है?

  • यह रोग बहुत दुर्लभ है।
  • लगभग 78,000 लोगों में से एक को यह रोग होता है।
  • वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होता है
  • जठरांत्रशोथ जीवाणु संक्रमण के कारण होता है।
  • इससे मतली, उल्टी और दस्त की समस्या होती है।

जीबीएस का क्या कारण है?

  • तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है।
  • परिणामस्वरूप, तंत्रिकाएं प्रभावी ढंग से संकेत नहीं भेज पातीं।
  • मांसपेशियाँ मस्तिष्क से आने वाले निर्देशों का पालन करने में असमर्थ हैं।
  • मस्तिष्क को शरीर के बाकी हिस्सों से मिलने वाले संकेत कम हो जाते हैं।
  • मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करने वाली नसों पर प्रभाव
  • इसके लक्षणों में थकान, हाथ-पैरों में झुनझुनी और झुनझुनी शामिल हैं।
  • इसकी शुरुआत पैरों से होती है।
  • बाद में ये लक्षण हाथों और चेहरे तक फैल जाते हैं।
  • कुछ लोगों को पीठ दर्द रहता है।
  • मांसपेशियाँ कमज़ोर हो जाती हैं।
  • हाथ-पैरों की सुन्नता दूर हो जाती है।
  • सांस लेने में दिक्क्त।
  • कुछ रोगियों में पक्षाघात का खतरा।

आपको किस बात का ध्यान रखना चाहिए?

  • सुनिश्चित करें कि पानी दूषित न हो।
  • पानी उबालें और पीएं।
  • भोजन स्वच्छ एवं ताज़ा होना चाहिए।
  • व्यक्तिगत स्वच्छता पर जोर दिया जाना चाहिए।

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