नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एक महीने से अधिक समय से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal,) को मेडिकल सहायता देने के मामले में संबंधित समिति के सदस्यों के उनसे मिलकर बातचीत के प्रस्ताव के बाद सोमवार को अवमानना याचिका (Contempt petition) पर सुनवाई 10 जनवरी के लिए टाल दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत (Justices Surya Kant) और एन के सिंह (NK Singh) की पीठ ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा समिति के सदस्यों और किसान नेताओं के बीच बैठक के बारे में सूचित किए जाने के बाद सुनवाई टालते हुए मौखिक रूप से कहा, “हमें उम्मीद है कि इससे कुछ सकारात्मक निकलेगा।”
पीठ के समक्ष सिब्बल ने प्रदर्शनकारी और उच्चाधिकार प्राप्त समिति (शीर्ष अदालत की ओर से गठित) के प्रमुख अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति नवाब सिंह से आज मुलाकात होने संबंधी जानकारी दी। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले पर 10 जनवरी को विचार करने से पहले समिति और अन्य को परिणाम से अवगत कराने को कहा। डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब हरियाणा के खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। शीर्ष अदालत ने कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून बनाने समेत किसानों की अन्य मांगों को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह के नेतृत्व में एक समिति गठित की थी। न्यायमूर्ति सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त इस समिति का गठन दो सितंबर को किया गया था।
आंदोलनकारी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली और पिछले आंदोलन के दौरान (वर्ष 2020-21) मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। शीर्ष अदालत के 20 दिसंबर के आदेश के अनुसार भूख हड़ताल पर बैठे डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में पंजाब सरकार की विफलता के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई थी। पीठ ने सोमवार (6 जनवरी 2025) को श्री सिब्बल के अनुरोध पर मामले पर विचार के लिए शुक्रवार 10 जनवरी की तारीख मुकर्रर की।
शीर्ष अदालत ने श्री डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता के मामले में अपने आदेश पर अमल नहीं होने को लेकर दो जनवरी 2025 और इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को भी पंजाब सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। शीर्ष अदालत इस मामले में दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा थी, जिसे राज्य सरकार द्वारा भूख हड़ताल पर बैठे श्री डल्लेवाल को 20 दिसंबर के अदालती आदेश के अनुसार चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में विफल रहने के खिलाफ दायर किया गया था।
गैर-राजनीतिक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर धरने पर बैठे हुए हैं। उस दिन पुलिस ने उनके दिल्ली मार्च को वहां रोक दिया था। उन आंदोलनकारी किसानों में से 101 किसानों के एक समूह ने छह से 14 दिसंबर के दौरान तीन बार पैदल दिल्ली मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
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Mon, Jan 06 , 2025, 03:31 PM