NCP leader Chhagan Bhujbal: एनसीपी नेता छगन भुजबल (NCP leader Chhagan Bhujbal) ने आज मीडिया से बातचीत की. फिलहाल वह पार्टी से नाखुश हैं. हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) के साथ एक ही कार में यात्रा की थी. इसके बाद उन्होंने शरद पवार (Sharad Pawar) से भी मुलाकात की. छगन भुजबल ने आज इस पर बात की. पत्रकारों ने उनसे पूछा, देवेन्द्र फड़णवीस, शरद पवार से मुलाकात हुई, क्या चर्चा हुई? उन्होंने कहा, ''यह सच है, मैं मुख्यमंत्री फड़णवीस से मिला था. 3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) का जन्मदिन था. उस अवसर पर जंगमवि नायगांव में एक बड़ा कार्यक्रम है, मुख्यमंत्री और सात-आठ मंत्री वहां थे. कुछ विकास कार्य होने हैं. इसके लिए उन्होंने तुरंत कलेक्टर और सभी को जमीन अधिग्रहण करने का आदेश दिया.
"उसी दिन शाम को, चाकन में महात्मा फुले की प्रतिकृति प्रतिमा का अनावरण किया गया. शरद पवार वहां थे. मुझे बुलाया गया. नायगांव के बारे में क्या और चाकन के बारे में क्या, शरद पवार के बारे में क्या और देवेंद्र फड़नवीस के बारे में... राजनीति पर चर्चा नहीं हुई. छगन भुजबल ने कहा, हमने केवल महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले के बारे में चर्चा की.
'मैं मंत्री बनना चाहता हूं, इसलिए...'
धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की जा रही है, चर्चा है कि उनके इस्तीफे के बाद आप को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा. छगन भुजबल ने इसका जवाब दिया. छगन भुजबल ने बताया, "मैं मंत्री बनना चाहता हूं, इसलिए मैं कभी किसी की हत्या करने, इस्तीफा देने और मुझे मंत्री बनाने का सपना नहीं देखूंगा.
“मुंडे के इस्तीफे की मांग की जा रही है. मैं कहना चाहता हूं कि फड़णवीस ने साफ कर दिया कि मैं पूरी जांच कराऊंगा. जांच में चाचा-चाची जो भी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आप उससे पहले मुंडे का इस्तीफा क्यों मांग रहे हैं? क्या जांच से कुछ निकला? अगर तुम्हारे पास कुछ है तो पुलिस को दे दो. जब तक पूछताछ से कुछ न निकल आये. तब तक इस्तीफा मांगना गलत है.
'मेरी पोस्ट चली गई, इल्जाम लगा
“मैं ऐसे मामले से गुजर चुका हूं. मैंने 2003 में तेलगी को पकड़ा, मैंने उसके खिलाफ मामला दायर किया. मेरे ऊपर आरोप लगने के बाद मेरा इस्तीफा ले लिया गया. मैं तब उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री था.राज्य हमारा था. लेकिन हालात को देखते हुए मैं सुप्रीम कोर्ट गया. मामला सुप्रीम कोर्ट से होते हुए सीबीआई के पास गया. उस समय केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. सी.बी.आई ने जांच की. आपकी कोई गलती नहीं है. मेरा नाम आरोपपत्र में नहीं था. मेरा पद तो गया, दाग लगा हुआ है. लेकिन फिर पवार साहब ने मुझे मंत्री बना दिया. मैंने इसका अनुभव किया है. छगन भुजबल ने कहा, बिना किसी कारण, बिना किसी सिद्ध कारण के इस्तीफा देना सही नहीं है.
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Mon, Jan 06 , 2025, 03:14 PM