Santosh Deshmukh Murder Case: बीड में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले (Sarpanch Santosh Deshmukh murder case) पर एनसीपी नेता (NCP leader) और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने टिप्पणी की है. उन्होंने गिरफ्तार मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड (Valmik Karad) के साथ अपना नाम जुड़ने के बाद इस्तीफे की मांग को लेकर भी साफ-साफ बात कही है. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Revenue Minister Chandrashekhar Bawankule) से मुलाकात के बाद धनंजय मुंडे ने मुंबई में मीडिया से बातचीत की. सरकारी काम के सिलसिले में मेरी मुलाकात बावनकुले से हुई. उन्होंने बताया कि हम राजस्व विभाग के बिज और परली निर्वाचन क्षेत्रों (Parli constituencies) के कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए मिले थे.
जब उनसे बीड में एक खाट के गायब होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर पुलिस प्रशासन ने इस मामले में बयान दिया है. ये खाटें पहले मंगाई गई थीं. घटना के बाद या जब आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी तब इन्हें नहीं बुलाया गया था." .पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है''. जब उनसे इस्तीफे की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "कोई तो कारण होगा कि मैं इस्तीफा दूं. मैं न तो आरोपी हूं और न ही मेरा कोई संबंध है. इस मामले में इस्तीफे मांगने के अंदाज में मांग की जा रही है." किसी का".
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सनसनीखेज बयान दिया है कि बड़े भाई को बचाने के लिए छोटे भाई का एनकाउंटर हो सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ''वडेट्टीवार बात करने में होशियार हैं. यह पहली बार है जब मैं छोटा आका, बड़ा आका की भाषा सुन रहा हूं. एक तरफ पुलिस प्रशासन, सीआईडी बहुत अच्छी तरह से जांच कर रही है. के हत्यारों को हिरासत में ले रही है.'' संतोष देशमुख को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाना और उन्हें फांसी देना हमारा पहला कदम है इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई क्या कहता है और किसी का क्या होता है.''
'मूल रूप से, मैंने सबसे पहले सत्र में मांग की थी कि मामले को फास्ट ट्रैक किया जाना चाहिए. इसलिए, तुरंत आरोप पत्र दायर किया जाना चाहिए, गिरफ्तारियां की जानी चाहिए और हत्यारों को फास्ट ट्रैक में हत्या की सजा दी जानी चाहिए.'' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से कोई चर्चा नहीं हुई है.
विपक्ष की इस मांग पर कि आपको मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इससे जांच प्रभावित होने की आशंका है, उन्होंने कहा, ''इसीलिए जांच सीआईडी को सौंपी गई है. यह जांच भी न्यायिक होगी.'' एक मंत्री, आप कोई प्रभाव नहीं डाल सकते, इसलिए सीआईडी, एसआईटी और न्यायिक जांच चल रही है, जो लोग अभिभावक मंत्री या मंत्री नहीं होने के विरोध में हैं, उनसे पूछताछ करना बेहतर होगा.'
एक जघन्य हत्याकांड के खिलाफ सभी दलों के विधायक एकजुट. तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. घटना बेहद दर्दनाक है, उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जो भी दोषी हैं उन्हें फांसी दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार जो भी फैसला लेंगे वह स्वीकार्य होगा.
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Thu, Jan 02 , 2025, 02:43 PM