Ganesh Chaturthi : गणपति बप्पा को गजानन और एकदंत नाम कैसे मिला? जानें इससे जुड़े दिलचस्प किस्से

Sun, Sep 08 , 2024, 11:16 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Ganpati Festival 2024: गणेश चतुर्थी का पवित्र त्योहार (holy festival of Ganesh Chaturthi) शनिवार 7 सितंबर 2024 को बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। दस दिवसीय गणेशोत्सव शुरू हो गया है। भगवान गणेश को एकदंत, गजानन (Ekadanta, Gajanan) भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) से 10 दिनों तक भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। देशभर में गणपति बप्पा का स्वागत हो रहा है। गणपति बप्पा के आगमन का ये उल्लास हर जगह देखा जा सकता है। गणपति बप्पा को कई नामों से जाना जाता है। गणपति बप्पा की कई कहानियां भी प्रचलित हैं। भगवान गणेश को एकदंत, गजानन भी कहा जाता है। आइए जानते हैं श्री गणेश को एकदंत और गजानन क्यों कहा जाता है...

भगवान गणेश को गजानन नाम कैसे मिला-
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार नंदी ने माता पार्वती की किसी भी आज्ञा का उल्लंघन किया। तब माता पार्वती ने सोचा कि कोई तो होगा जो केवल उनकी आज्ञा का पालन करेगा। तब माता पार्वती ने अपने गर्भ से एक गण को जन्म दिया और उसमें प्राण फूंक दिए और गणेश का जन्म हुआ। इसके बाद माता पार्वती स्नान करने चली गईं और बालक को बाहर पहरा देने को कहा। माता पार्वती ने बालक को निर्देश दिया था कि वह उनकी अनुमति के बिना किसी को भी प्रवेश न करने दे। जब भगवान शिव स्वयं वहां आए तो बालक ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। जब बालक ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया, तो भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से बालक का सिर काट दिया। यह सब देखकर माता पार्वती क्रोधित हो गईं और अपने पुत्र को जीवित करने के लिए कहा। तब भगवान शिव ने हाथी का सिर बालक के धड़ से जोड़ दिया। तभी से गणेश जी को गजानन भी कहा जाने लगा।

परशुराम ने गणपति बप्पा का एक दांत तोड़ दिया था
भगवान शंकर और माता पार्वती अपने कक्ष में विश्राम कर रहे थे। किसी को न आने देने की बात कही। तब परशुरामजी भगवान शंकर से मिलने आये। लेकिन गणेश जी ने भगवान शंकर से मिलने से इंकार कर दिया। यह देखकर परशुराम क्रोधित हो गए और उन्होंने गजानन को युद्ध के लिए ललकारा। इस प्रकार गणाध्यक्ष गणेश को उनसे युद्ध करना पड़ा। गणेश और परशुराम के बीच भयंकर युद्ध हुआ। गणेशजी परशुराम के हर आक्रमण को विफल करते रहे। अंततः क्रोध से भरकर परशुराम ने शिव से प्राप्त परशु से गणेश पर प्रहार किया और गजानन का एक दांत तोड़ दिया। तभी से गणपति को एकदंत कहा जाने लगा।

 

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups