मुंबई. लाडकी बहिण योजना (Ladki Bahin Yojana) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) को बड़ी चेतावनी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य सरकार के वकीलों को आड़े हाथों लिया. सुप्रीम कोर्ट ने पुणे भूमि अधिग्रहण मामले (Pune land acquisition case) में राज्य सरकार को फटकार लगाई. दोपहर 2 बजे तक हल करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर 2 बजे तक कोई समाधान नहीं निकला तो लाडकी बहिण योजना बंद कर दी जाएगी. योजनाओं के लिए साझा करने के लिए पैसा है, तो भुगतान क्यों न करें? ये सवाल सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है. कोर्ट ने कहा है कि मुख्य सचिव को तुरंत मुख्यमंत्री से चर्चा करनी चाहिए.
सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच के सामने हुई, जिसमें जस्टिस बी.आर. गवई और केजी विश्वनाथन (ustices BR Gavai and KG Vishwanathan) शामिल थे. पुणे में भूमि अधिग्रहण के बाद राज्य सरकार ने कोई मुआवजा नहीं दिया, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. इस मामले में पिछले हफ्ते सुनवाई हुई थी. आज फिर सुनवाई हुई, जिसमें राज्य सरकार को खरी खोटी सुनाई गई. योजना की घोषणा करने और उसे मुफ्त में बांटने के लिए पैसा है तो भूमि अधिग्रहण के लिए पैसा क्यों नहीं है? यह सवाल राज्य सरकार से पूछा गया कि मुख्य सचिव को आज दोपहर दो बजे तक मुख्यमंत्री से बात कर समाधान निकालना चाहिए. कोई उचित संख्या लेकर न आएं. अन्यथा हम ध्वस्तीकरण का आदेश देंगे. राज्य सरकार ने पुणे में अधिग्रहीत जमीन पर निर्माण कराया है. अब अगले दो-तीन घंटे में क्या होगा ये साफ हो जाएगा.
क्या है पुणे भूमि अधिग्रहण मामला?
याचिकाकर्ता टीएन गोदाबर्मन के पूर्वजों ने 1950 में पुणे में 24 एकड़ जमीन खरीदी थी. यह जमीन राज्य सरकार ने ले ली. लेकिन याचिकाकर्ताओं को भुगतान नहीं किया गया. राज्य सरकार ने कहा कि संबंधित जमीन डिफेंस पेनिटेंटरी को दे दी गई है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया. उस वक्त राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि जमीन संबंधित व्यक्ति को मुआवजे के तौर पर दे दी गयी है. दरअसल संबंधित व्यक्ति को प्राप्त भूमि वन भूमि थी. फिर याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट आये. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
साथ ही, “अदालत के आदेशों को हल्के में न लें. हम अखबार पढ़ते हैं, आपके पास मुफ्त के लिए पैसे हैं प्रिय बहन. लेकिन क्या आम आदमी की ज़मीन का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं?” ऐसे शब्दों में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि राज्य के मुख्य सचिव तुरंत मुख्यमंत्री से बात करें और इस भुगतान को लेकर कोई समाधान निकालें.
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Tue, Aug 13 , 2024, 02:51 AM