Sharad Pawar: महाराष्ट्र में ओबीसी-मराठा विवाद के लिए सत्तापक्ष के नेता जिम्मेदार: शरद पवार

Wed, Jul 17 , 2024, 07:39 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने बुधवार को पुणे में कहा कि महाराष्ट्र में ओबीसी-मराठा विवाद (OBC-Maratha dispute) के लिए सत्तापक्ष के नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र (Maharashtra) में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का प्रयास करेंगे।

शरद पवार पुणे (Pune, Sharad Pawar) में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मराठा नेता मनोज जारांगे (Maratha leader Manoj Jarange) की भूख हड़ताल खत्म करवाने खुद मुख्यमंत्री गए थे। मुख्यमंत्री और मनोज जारांगे के बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मनोज जारांगे को क्या आश्वासन दिया, किस आधार पर दिया, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है। इसी तरह जब ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके भूख हड़ताल पर थे तो सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल मौके (Delegation from the government on the spot)पर गया था। प्रतिनिधिमंडल ने लक्ष्मण हाके से क्या बात की, क्या आश्वासन दिया, इसकी जानकारी हमें नहीं है।

शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल उनसे मिले थे और ओबीसी -मराठा विवाद के बारे में चिंता व्यक्त की। छगन भुजबल ने कहा, जो हुआ उसे छोड़ो, हमें रास्ता निकालना होगा। नहीं तो महाराष्ट्र में विवाद बढ़ जाएंगे। स्पष्ट रूप से इन लोगों ने जो बयान दिए, वे विवाद को बढ़ावा देने के लिए थे। यदि कोई रास्ता निकालना है तो शासकों को समाधानकारी रुख अपनाना होगा। यह ज्ञात नहीं है कि शासकों ने इस स्थिति को किस हद तक अपनाया। ऐसा नहीं लग रहा था कि इन सबमें मुख्यमंत्री, भुजबल, फडणवीस, अजित पवार ही थे, जिन्होंने सरकार की ओर से चर्चा की। शरद पवार ने कहा कि इस संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। जानकारी मिलने के बाद वे इस संबंध में प्रयास करेंगे। शरद पवार ने कहा कि इसी वजह से वे आरक्षण को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए। इसका कारण जब विषय ही नहीं पता तो उसमें किस तरह सहभागी हुआ जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में जब से ओबीसी -मराठा आरक्षण का विवाद छिड़ा है, तब से ग्रामीण इलाकों में ओबीसी-मराठा समाज के बीच दूरी बढ़ी है। पहले एक दूसरे के साथ घुलमिल कर रहने वाले ओबीसी और मराठा समाज के लोग एक दूसरे से कटने लगे हैं। हालात तो यहां तक हैं कि ओबीसी की दुकान पर मराठा समाज के लोग और मराठा समाज की दुकान से ओबीसी समाज के लोग जीवनावश्यक वस्तु अथवा अन्य सामान खरीदने में हिचकने लगे हैं। महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि इस प्रदेश में ऐसी स्थिति पहले नहीं थी, इसलिए इसे जल्द सुधारने की जरूरत है।

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