मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारतीय समाचार पत्रों (newspapers) का एआई एवं डिजीटल प्लेटफॉर्म (AI and Digital Platforms) की सहायता से वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने तथा भारत की विकास (India development) की गाथा दुनिया के कोने-कोने में ले जाने का शनिवार को आह्वान किया। श्री मोदी ने आज मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जी-ब्लॉक में इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (Indian Newspaper Society) सचिवालय के नये भवन ‘आईएनएस टावर्स’ का उद्घाटन करते हुए यह आह्वान किया।
श्री मोदी ने इस अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए नए टावर के उद्घाटन पर इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (Indian Newspaper Society) के सभी सदस्यों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि नई जगह में काम करने में आसानी से भारत का लोकतंत्र और मजबूत होगा (India's democracy strengthened)। उन्होंने कहा कि नई इमारत मुंबई में आधुनिक और कुशल कार्यालय स्थान के लिए आईएनएस के सदस्यों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगी और मुंबई में समाचार पत्र उद्योग के लिए स्नायु केंद्र के रूप में काम करेगी।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी का गठन आजादी से पहले किया गया था, प्रधानमंत्री ने कहा कि संगठन न केवल भारत की यात्रा के उतार-चढ़ाव का गवाह रहा है, बल्कि उसे जीकर लोगों तक पहुंचाया है। इसलिए, एक संगठन के रूप में भारतीय समाचार पत्र सोसायटी के काम का प्रभाव देश में स्पष्ट गोचर है। उन्होंने कहा कि मीडिया राष्ट्रों की स्थितियों का मूकदर्शक नहीं है बल्कि उन्हें बदलने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
उन्होंने विकसित भारत की अगली 25 साल की यात्रा में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की भूमिका को रेखांकित किया तथा नागरिकों के अधिकारों एवं क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करने में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में डिजिटल लेनदेन की सफलता को इस बात का उदाहरण बताया कि कैसे आत्मविश्वास से भरे नागरिक बड़ी सफलता हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में तमाम बड़े देश भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में रुचि रखते हैं। इन सफलताओं में मीडिया की भागीदारी रही है।
श्री मोदी ने गंभीर मुद्दों पर चर्चा करके विमर्श तैयार करने में मीडिया की स्वाभाविक भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने मीडिया के कामकाज पर सरकारी नीतियों के प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने जन धन योजना के आंदोलन के माध्यम से वित्तीय समावेशन और बैंक खाते खोलने और लगभग 50 करोड़ लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का उदाहरण उठाया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना डिजिटल इंडिया और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की पहल में सबसे बड़ी मदद थी। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने कहा, स्वच्छ भारत या स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल वोट बैंक की राजनीति से प्रभावित नहीं हुईं।
उन्होंने इन आंदोलनों को राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनाने के लिए मीडिया की सराहना की। यह स्वीकारते हुए कि इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी द्वारा लिए गए निर्णय देश के मीडिया को दिशा देते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किया गया कोई भी कार्यक्रम जरूरी नहीं कि सरकारी कार्यक्रम हो और जिस भी विचार पर जोर दिया गया है वह केवल सरकार का नहीं हो सकता है। उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा जैसे अभियानों का उदाहरण दिया जो सरकार द्वारा शुरू किए गए थे लेकिन पूरे देश ने उन्हें आगे बढ़ाया।
इसी तरह, प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर सरकार के जोर पर प्रकाश डाला जो एक राजनीतिक के बजाय एक मानवीय मुद्दा है और हाल ही में शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का उल्लेख किया, जिसकी दुनिया भर में चर्चा हो रही है। जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं ने भी इस कार्यक्रम में गहरी रुचि दिखाई, जिसमें प्रधान मंत्री ने भाग लिया। उन्होंने सभी मीडिया घरानों से युवा पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए इस प्रवृत्ति में शामिल होने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा,“मैं मीडिया घरानों से राष्ट्र के प्रति एक प्रयास के रूप में ऐसी पहल को आगे बढ़ाने का आग्रह करता हूं।” भारत के संविधान के 75वें वर्ष के जश्न को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने संविधान के प्रति नागरिकों के कर्तव्य की भावना और जागरूकता को बढ़ाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन को भी सभी की सामूहिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि समाचार पत्र किसी विशेष राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महीना चुन सकते हैं। इससे राज्यों के बीच आपसी हित बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने समाचार पत्रों से अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने का अनुरोध किया। निकट भविष्य में भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलता को दुनिया के हर कोने तक ले जाना मीडिया की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा,“किसी देश की वैश्विक छवि सीधे उसकी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है।” उन्होंने भारत के कद में वृद्धि और वैश्विक प्रगति में योगदान करने की इसकी बढ़ती क्षमता के साथ प्रवासी भारतीयों के बढ़ते महत्व का भी उल्लेख किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं में भारतीय प्रकाशन के विस्तार की कामना की। इन प्रकाशनों की वेबसाइटें, माइक्रोसाइट्स या सोशल मीडिया अकाउंट उन भाषाओं में हो सकते हैं, उन्होंने ऐसे प्रयासों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को जोड़ने का सुझाव दिया।
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Sat, Jul 13 , 2024, 09:45 AM