But a sacred mission: विकसित भारत की संकल्पना एक लक्ष्य नहीं बल्कि एक पवित्र मिशन है : उपराष्ट्रपति

Fri, Jul 12 , 2024, 10:10 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (President Jagdeep Dhankhar) ने शुक्रवार को मुंबई में कहा कि विकसित भारत 2047 (Developed India 2047) सिर्फ एक लक्ष्य नहीं बल्कि एक पवित्र मिशन है (Not a goal but a sacred mission)। इस मिशन के लिए हम सभी का बहुमूल्य योगदान जरूरी है।

उपराष्ट्रपति धनगड़ शुक्रवार को मुंबई में प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान, नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (Institute of Management Studies) के छात्रों और प्रोफेसरों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस, उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनगड़, राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल, एनएमआईएमएस अभिमत विश्वविद्यालय के चांसलर अमरीश पटेल, कुलपति रमेश भट्ट उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2047 में विकसित भारत (Developed India) के लिए हम सभी का योगदान बहुमूल्य है। मैं इसे 1947 के बाद दूसरे मिशन के रूप में देखता हूं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यक्ति के जीवन में अद्भुत काम करती है। शिक्षा में व्यक्तियों और समाज को सशक्त बनाने की शक्ति है। किसी राष्ट्र के विकास और सशक्तिकरण के लिए उच्च शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। आज के युवा और छात्र कल के जिम्मेदार नागरिक हैं और भविष्य के देश के आधार स्तंभ हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों और युवाओं को भविष्य के इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए, आज की युवा पीढ़ी का अच्छे तरीके से विकास करना चाहिए। हम अभी भी प्रतियोगी परीक्षाओं के बीच में हैं। अति प्राचीन काल से ही भारत को प्राचीन शिक्षा प्रणाली, नालन्दा, तक्षशिला, विक्रमशिला जैसे सर्वोत्तम, प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों की विरासत मिली है। इन संस्थाओं ने भारत को शक्तिशाली स्थिति में लाकर खड़ा किया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अगर विद्यार्थी में दृढ़ निश्चय और लगन हो तो वह कहीं भी पहुंच सकता है। युवाओं को आगे आना चाहिए और भविष्य के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए लेकिन कुछ नकारात्मक पहलुओं का जोखिम भी है जिसे पहचान कर दूर किया जाना चाहिए। जीवन में सही रास्ता चुनना जरूरी है, सफलता के लिए कभी भी शॉर्टकट न अपनाएं। कानून के प्रति सम्मान का अर्थ है राष्ट्रवाद के प्रति सम्मान, लोकतंत्र के प्रति सम्मान और सदगुणों के प्रति सम्मान। अत:हमें कानून की सत्यता पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय के समक्ष हर कोई समान है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करते हुए तीव्र गति से बढ़ रही है। यूरोपीय संघ के देशों के लिए यह अहम हो गया है। जी20, भारत मंडपम, विश्व संसद इसके उदाहरण हैं। उन्होंने चंद्रयान मिशन की सफलता, स्टार्ट अप इंडिया, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, हर घर जल, सोलर पावर होम, डिजिटलीकरण, डीबीटी, भारत की निर्यात ताकत और विकास के कई मील के पत्थर के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने उन्नत उद्योगों से उच्च शिक्षा के इन संस्थानों को अनुसंधान और विकास के लिए प्रयोगशालाओं के रूप में देखने का आग्रह किया है। जगदीप धनगड़ ने युवा छात्रों को नई दिल्ली में नए संसद भवन का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया और उनसे इस तेजी से बदलते विकसित भारत में योगदान देने के लिए आगे आने की अपील की ।

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