Chandrayaan 3: इसरो शुरू कर रहा है एक नया मिशन! इसरो के चंद्रयान-3 को मिली बड़ी सफलता, प्रज्ञान रोवर ने किया अहम शोध

Wed, Jul 03, 2024, 10:58

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली. भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन (third moon mission) चंद्रयान-3 पिछले साल बेहद सफल रहा था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISTRO) ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रच दिया। भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया। चंद्रयान-3 को लेकर नई जानकारी मिली है। इससे वैज्ञानिकों को चंद्रमा को करीब से समझने में मदद मिलेगी। चंद्रयान के प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) ने शिवशक्ति पॉइंट के पास अहम रिसर्च को अंजाम दिया है। यह शोध चंद्रमा के निर्माण और वहां की जमीन, चट्टान के टुकड़ों से जुड़ी है।

छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े मिले
इंडिया टुडे के मुताबिक, चंद्रयान-3 का रिकॉर्ड जमीन पर मौजूद प्रज्ञान रोवर ने हासिल किया है, जिसने चंद्रमा की सतह पर करीब 103 मीटर की दूरी तय की है। रोवर मैंगिनस और बोगुस्लावस्की क्रेटर के बीच चला गया। इस पूरे प्रकरण ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई उस जगह का नाम शिव प्वाइंट रखा है। इस स्थल पर, प्रज्ञान को छोटे चट्टान के टुकड़े मिले, जिनकी लंबाई एक सेंटीमीटर से लेकर 11.5 सेंटीमीटर तक थी। चट्टान के ये टुकड़े छोटे-छोटे गड्ढों, ढलानों के किनारों पर बिखरे हुए पाए गए। इनमें से कोई भी चट्टान दो मीटर से अधिक व्यास वाली नहीं है।

प्रज्ञान का शिव शक्ति प्वाइंट की ओर बढ़ना
चंद्रमा के बारे में जानकारी इस साल की शुरुआत में ग्रहों, विस्फोटकों और आवास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत की गई थी। चंद्रयान-3 की रिसर्च से वैज्ञानिकों को अलग-अलग जानकारी मिल रही है।  प्रज्ञान रोवर शिवशक्ति पॉइंट (Shiva Shakti Point) से 39 मीटर आगे निकल गया है। उस स्थान पर उन्हें जो चट्टान मिली है उसका आकार भी बहुत बड़ा है।

शिवशक्ति प्वाइंट के पश्चिम में करीब दस मीटर व्यास का एक गड्ढा है। यह गड्ढा इस स्थान पर चट्टानों का स्रोत हो सकता है। इससे चट्टानें आसपास के क्षेत्र में पुनर्वितरित हो गई होंगी या समय के साथ वे वहीं दब गईं। उन चट्टानों को प्रज्ञान में फिर से खोजा गया।

ISTRO द्वारा नई योजना की तैयारी
इसरो को चंद्रयान-3 मिशन में बड़ी सफलता हासिल हुई है, जिसके बाद अब इसरो एक नया मिशन शुरू कर रहा है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि भारत ने अगले चंद्रयान मिशन चंद्रयान-4 के लिए अंतिम योजना तैयार कर ली है। जिसमें महत्वपूर्ण स्पेस डॉकिंग स्टेशन और नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (एनजीएलवी) शामिल हैं। योजना को अब मंजूरी का इंतजार है।

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