Ranji Trophy Scam : रत्नागिरी के छह क्रिकेटरों के साथ ठगी! रणजी ट्रॉफी में मौका देने का लालच देकर 63 लाख रुपये ऐंठे 

Thu, Jun 20 , 2024, 01:41 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Ranji Trophy Selection Scam 2024: रणजी और सीके नायडू ट्रॉफी (Under 23) खिलाड़ी चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई लोगों का राष्ट्रीय स्तर की रणजी और सीके नायडू ट्रॉफी (Ranji and CK Nayudu Trophy) में खेलने का सपना साकार होगा। इसके लिए खिलाड़ी राजनगर एक्सटेंशन स्थित अल्फा क्रिकेट ग्राउंड (Alpha Cricket Ground) पर जोर आजमाइश करते नजर आ रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में रत्नागिरी के छह खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में मौका देकर 63-63 लाख की ठगी की गई। दोनों के खिलाफ मलाड पुलिस स्टेशन (Malad police station) में मामला दर्ज किया गया था। मलाड पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। 

आरोपियों के नाम प्रशांत कांबले और देवेश उपाध्याय हैं। कांबले मुख्य आरोपी है और उपाध्याय ने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का सहायक होने का नाटक किया था। इसके अलावा संतोष चव्हाण नाम का एक शख्स है, जो इवेंट मैनेजमेंट का बिजनेस चलाता है और उसने क्रिकेटरों को आरोपियों से मिलवाया था। जानकारी के मुताबिक, चव्हाण की कंपनी पिछले 15 सालों से राजनीतिक, शादी, क्रिकेट मैच समेत कई खेल आयोजन करती आ रही है। इन्हीं कार्यक्रमों में से एक में उनकी मुलाकात चव्हाण से हुई। इसके बाद कांबले ने चव्हाण को उपाध्याय से मिलवाया।

उपाध्याय ने चव्हाण को बीसीसीआई (BCCI) में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने संबंधों के बारे में आश्वस्त किया और उनके खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका देने का वादा किया। उन पर भरोसा करते हुए चव्हाण ने छह युवा खिलाड़ियों की सिफारिश की। उनके कौशल को देखने के बाद, कांबले ने उन्हें नेट अभ्यास के लिए गोरेगांव में आमंत्रित किया। विस्तृत चर्चा के बाद चव्हाण ने खिलाड़ियों का विवरण और अन्य दस्तावेज कांबले को सौंपे। खिलाड़ियों को मणिपुर और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (Manipur and Bihar Cricket Association) के लेटरहेड पर चयन पत्र दिया गया। पूरी प्रक्रिया अक्टूबर 2018 में शुरू हुई और 2022 तक जारी रही। इस बीच अक्सर पैसों का लेन-देन होता रहता था। 

चुनाव के कागजात फर्जी पाए गए
इन छह खिलाड़ियों को नागालैंड, मणिपुर, बिहार और मिजोरम भेजा गया। लेकिन उन्हें सात दिन बाद वापस बुला लिया गया। जैसे ही छह खिलाड़ियों ने कांबले और उपाध्याय के पास आने की कोशिश की, दोनों ने बचने की कोशिश की। इसके बाद खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने का फैसला किया और 63 लाख रुपये वापस मांगे। चव्हाण की कोशिशों के बावजूद पैसे वापस नहीं मिले। विभिन्न राज्य क्रिकेट संघों द्वारा भेजी गई राशि और चयन पत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद खिलाड़ियों को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है। उन्होंने तुरंत मलाड पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। 

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