Parenting Tips: जब बच्चे स्कूल जाना शुरू करते हैं तो नई नोटबुक(new notebooks), नई यूनिफॉर्म(new uniforms), नए टिफिन (tiffins) और वाटर बॉटल (water bottles) बच्चों को आकर्षित करती हैं। इन सभी चीजों के लिए माता-पिता का नजरिया अलग-अलग होता है। इन दिनों माता-पिता का रुझान स्वस्थ चीजों की ओर होने के कारण, जब शिशु के डिब्बे और बोतलों की बात आती है तो वे भी अधिक सतर्क हो गए हैं। अबके माता-पिता दोनों कामकाजी हैं और वे शुरू से ही बच्चों की देखभाल पर ध्यान देते हैं।
कुछ बच्चों के स्कूल शुरू हो गए हैं तो कुछ शनिवार या सीधे मंगलवार से शुरू होंगे। उस स्थिति में, माता-पिता अभी भी डिब्बे और बोतलें खोज रहे हैं। कुछ माता-पिता ऑनलाइन खरीदारी करते हैं जबकि कुछ माता-पिता अभी भी दुकानों में खरीदारी करना पसंद करते हैं।
स्कूल के डिब्बे, बोतलें खरीदते समय हर माता-पिता के मन में यह सवाल आता है कि प्लास्टिक है या स्टील (plastic or steel)? हम वर्षों से बच्चों को प्लास्टिक के डिब्बे देते आ रहे हैं। लेकिन ये प्लास्टिक बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. आइए जानते हैं इस पर विशेषज्ञ क्या कहते हैं। लिविंग रिवर और ब्राउन लीफ की संस्थापक अदिति देवधर का कहना है कि वजन में हल्के और उपयोग में आसान होने के बावजूद प्लास्टिक के डिब्बे और बोतलें शरीर के लिए हानिकारक हैं।
प्लास्टिक प्रकृति के लिए हानिकारक है। ये बच्चों के लिए भी खतरनाक हैं। प्लास्टिक में कई तरह के रसायन होते हैं। जिसमें कार्सिनोजेनिक रसायन कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। कुछ रसायन अंतःस्रावी अवरोधक होते हैं। 85,000 मानव निर्मित रसायन हैं। जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
चूंकि वहां सुबह का स्कूल होता है इसलिए बच्चों को अक्सर डिब्बे में गर्म खाना दिया जाता है. ऐसे में ये गर्म खाद्य पदार्थ उस डिब्बे की केमिस्ट्री पर असर डालते हैं और वो पेट में चले जाते हैं। हालांकि प्लास्टिक विघटित नहीं होता, लेकिन इसका एक टुकड़ा पेट में चला जाता है। कई सालों तक प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाना और बोतलों से पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक होता है। अदिति देवधर का कहना है कि एक हफ्ते के अंदर इतने छोटे टुकड़े पेट में जाकर एटीएम कार्ड जितने बड़े हो सकते हैं।
प्लास्टिक की बोतल में फंगस
कई माता-पिता को यह अनुभव हुआ है, चाहे वह प्लास्टिक की बोतल हो या कोई अन्य। लेकिन इन बोतलों में अक्सर भूसा फफूंदीयुक्त हो जाता है। यह ब्लैक फंगस बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक है। यह प्लास्टिक स्ट्रॉ साफ करने लायक भी नहीं है, तो उस स्थिति में बोतल बदलना ही एकमात्र सही विकल्प है। इसलिए हर तीन महीने में पानी की बोतल बदलना बच्चों के लिए फायदेमंद होता है।
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Fri, Jun 14 , 2024, 04:17 AM