मुंबई. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के नतीजे सामने आते ही महागठबंधन में घमासान शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट (Shinde faction) और अजितदादा गुट (Ajitdada faction) को बड़ी हार स्वीकार करनी पड़ी है. शिंदे गुट मौजूदा सांसदों की सीटें भी बरकरार नहीं रख सका. मौजूदा सांसदों में से सिर्फ 7 सांसद ही चुने गए हैं. ऐसे में शिंदे गुट में बेचैनी है. इसीलिए शिंदे गुट के छह विधायकों ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से संपर्क किया है. सूत्रों ने बताया कि ये सभी छह विधायक ठाकरे समूह में शामिल होने के इच्छुक हैं. इसका मतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) से पहले ही राज्य में बड़ा उलटफेर होने वाला है.
शिवसेना शिंदे गुट (Shiv Sena Shinde faction) के 6 विधायक शिवसेना ठाकरे के संपर्क में हैं. कहा जा रहा है कि सर्वा के सभी छह विधायक उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिंदे गुट में प्रवेश करेंगे. ठाकरे ग्रुप के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है. इसलिए, अगर उद्धव ठाकरे इन छह विधायकों को स्वीकार करते हैं, तो अन्य विधायक भी ठाकरे समूह में शामिल हो सकते हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की टेंशन बढ़ने वाली है क्योंकि इस नेता ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में ये बड़े घटनाक्रम होंगे.
कई लोग संपर्क में हैं
इन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हुए ठाकरे समूह के विधायक सचिन अहीर ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. हमने यह दावा नहीं किया कि छह विधायक हमारे संपर्क में हैं. दिवाली के बाद से कई लोग हमसे संपर्क कर रहे हैं. उनसे कितना संपर्क? न रखना बाद वाला हिस्सा है. हमारे लिए वह विषय ख़त्म हो चुका है. सचिन अहीर ने कहा कि हम अपने लोगों के साथ विधानसभा लड़ने जा रहे हैं.
बीजेपी में भी बेचैनी
न सिर्फ शिंदे गुट में, बल्कि अजित पवार गुट और बीजेपी में भी. मुंबई में बीजेपी के छह विधायक पीछे हो गए हैं. इसलिए बीजेपी कार्यकर्ताओं में बेचैनी है. वे भी सोच रहे हैं. लेकिन किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया. लोकसभा चुनाव के दौरान कई लोगों ने संपर्क किया. मांग की गई कि टिकट हमें नहीं बल्कि हमारे परिवार के सदस्यों को दिया जाए. अगर घर का नहीं है तो हम कहेंगे कि उस आदमी को टिकट दे दो. संपर्कों ने कहा कि हम उन्हें अंदर से मदद करते हैं. लेकिन सचिन अहीर ने खुलासा किया है कि हमने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था.
इसी बीच ठाकरे गुट के 13 सांसद एकनाथ शिंदे से अलग हो गए थे. शिंदे गुट ने महागठबंधन में लोकसभा की 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उनमें से केवल सात ही निर्वाचित हुए. यानी शिंदे गुट को आठ स्थानों पर हार मिली. इनमें शिंदे गुट को मौजूदा छह सांसदों के निर्वाचन क्षेत्रों में हार स्वीकार करनी पड़ी. बीजेपी ने सर्वे के नाम पर शिंदे गुट पर काफी दबाव बनाया था. इसलिए, भावना गवली और अन्य को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने टिकट देने से इनकार कर दिया. शिंदे के विधायकों को डर है कि विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही होगा. चूंकि उद्धव ठाकरे एक जन नेता हैं और इन विधायकों को लगता है कि वह असली शिवसैनिक हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि इन विधायकों ने ठाकरे समूह से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
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Fri, Jun 07 , 2024, 11:50 AM