दस सालो का लेखा जोखा प्रजा फाउंडेशन ने लाया सामने
प्रदूषण की शिकायतों में 463 फीसदी की बढ़ोतरी
मुंबई। कचरा की समस्या (garbage problem) मुंबई में फैलते प्रदूषण और मलनिःसारण (sewerage) जैसी समस्याओं एक निपटारा करने के लिए मुंबई महानगरपालिका हर साल हजारों करोड़ रुपये खर्च करता है। इसके बावजूद नागरिक समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और उनका पूरी तरह से समाधान नहीं हुआ है। इन समस्याओं को लेकर मनपा के पास आने वाली शिकायतों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। प्रजा फाउंडेशन जो की मुंबई महानगर पालिका के काम काजो पर नजर रखती है और लोगो की समस्याओ का अपनी रिपोेर्ट के माध्यम से खुलासा करती है उसकी रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस सालो में लोगो द्वारा मनपा के खिलाफ शिकायत करने की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रजा की रिपोेर्ट से खुलासा हुआ है कि आम नागरि को की समस्याओ को लेकर 2014 में शिकायतों की संख्या 80 हजार 420 थी वह अब सालाना के आधार पर देखे तो 2023 में मनपा के खिलाफ कुल 1 लाख 20 हजार 296 शिकायतेंहुई है। इससे साफ़ होता है कि मुंबई मनपा अधिक लापरवाह हुई है। उनके कामो की गुणवत्ता घटी है जिसके चलते लोगो को शिकायत करनी पड़ रही है। मुंबईकरों द्वारा की जाने वाली प्रदूषण संबंधी शिकायतों में 463 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना के बाद नागरिक समस्याओं की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. 2022 में 1 लाख 4 हजार 68 शिकायतें थी। प्रदूषण के साथ-साथ कचरा , स्कूल, मलनि:सारण, सड़क आदि के बारे में भी शिकायतें की भरमार हुई हैं। 2023 में मुंबईकरों ने मनपा के पास 760 शिकायत दर्ज कीं।जबकि 2014 में मात्र 135 शिकायतें आईं थी।
नगरसेवकों का न होना अधिकारियो की बढ़ी मनमानी
फाउंडेशन की ओर से यह भी कहा गया है कि पिछले दो साल से मनपा में नगरसेवक नहीं है जिसके चलते उनकी आवाज अधिकारियो तक कोई पहुंचाने वाला नहीं है जिसके चलते अधिकारियो की मनमानी बढ़ गई यही कारण है कि पिछले दो सालो में लोगो की शिकायतों में अंबार लगा है। अधिकारी लोगो की समस्याओ पर गंभीरता नही ले रहे और उनके काम के लिए अधिक भाग दौड़ करनी पड़ रही है।
मीठी नदी प्रदूषित ही है
प्रजा फाउंडेशन के एकनाथ पवार ने कहा कि मीठी नदी पर हजारो करोड़ करोड़ खर्च करने के बावजूद मीठी नदी प्रदूषित ही है और मुंबई की अन्य नदी भी प्रदूषित बनी हुई है। नदियों से समुद्र में छोड़े जाने वाला दूषित पानी से समुद्र का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। मीठी नदी में मानव मल की मात्रा अधिक है। इसलिए यह नदी और अधिक प्रदूषित होती जा रही है। अत्यधिक प्रदूषित जल के कारण समुद्री जैव विविधता को भी खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा यह समुद्र तट पर आने वाले सैलानियों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की शिकायतों को गंभीरता से निपटाने पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। यदि कोई शिकायत मिलती है तो छह दिन के अंदर उसका समाधान किया जाए। लेकिन इसकी अवधि फिलहाल 32 दिन है.
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Tue, May 28 , 2024, 08:18 AM