Relationship Relationship in the Office: कई लोग ऐसे होते हैं जो अपना ज्यादातर दिन ऑफिस (office) में बिताते हैं, ऐसे में आप अच्छी तरह जानते हैं कि उनके लिए अपने सहकर्मियों के साथ अच्छे रिश्ते (Relationship With Colleagues) बनाए रखना कितना जरूरी है। प्रतिस्पर्धा और प्रमोशन (Competition and promotion) के कारण अक्सर सहकर्मियों से बहस हो जाती है, लेकिन अगर आप ऑफिस में तनाव नहीं चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें। रिलेशनशिप विशेषज्ञों (relationship experts) की सलाह से जानें कि ऑफिस सहकर्मियों के साथ संबंध बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ पर काफी असर
दिन के 24 घंटों में से 8 से 10 घंटे यानी एक तिहाई घंटे हम ऑफिस में बिताते हैं। ऐसे में अगर ऑफिस का माहौल तनावपूर्ण है और सहकर्मियों के साथ आपके संबंध अच्छे नहीं हैं, तो काम करना मुश्किल हो सकता है। अगर ऐसा लंबे समय तक चलता रहे तो आपके रिश्ते खराब होने लगते हैं, जिसका असर आपकी सैलरी बढ़ोतरी (salary increase) पर पड़ सकता है। हम कार्यालय में अपने सहकर्मियों से कैसे संबंध रखते हैं, इसका हमारे पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर आप सहकर्मियों के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं।
सीमाएं याद रखें
आजकल कामकाजी पेशेवर अपना ज्यादातर समय ऑफिस में बिता रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप ऑफिस को ही अपना घर समझ लें और लोगों से बातचीत करना शुरू कर दें। सहकर्मियों से बात करते समय हमेशा अपनी सीमाएं याद रखें। सहकर्मियों के साथ क्या बात करनी है और क्या नहीं, यह स्वयं तय करें। ऑफिस में बैठकर किसी की निजी जिंदगी पर टिप्पणी करने से बचें। अगर ऐसा कोई व्यक्ति आपके ऑफिस में है तो उससे दूरी बनाकर रखें।
ताक-झांक न करें
ऑफिस के सहकर्मियों से रिश्ते सुधारने के लिए सबसे उपयोगी बात है उनकी निजी जिंदगी से दूर रहना। किसी भी सहकर्मी की निजी जिंदगी में ताक-झांक न करें। अगर वह आपसे कोई निजी बात साझा करता है, तो उसे हर किसी के साथ साझा न करें, उसे अपने तक ही सीमित रखने का प्रयास करें। कई बार ऑफिस में भी आप अच्छे दोस्त बन जाते हैं, जिनके साथ आप काफी सहज महसूस करते हैं, एक पारिवारिक अहसास होता है, लेकिन ऐसे में यह न भूलें कि वह काम की जगह है, गपशप की जगह नहीं।
मदद के लिए तैयार रहें
अपने अनुभव और ज्ञान को अपने तक ही सीमित न रखें। सहकर्मियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। जब तक इसका असर आपके काम पर न पड़े। अगर किसी को आपकी मदद से फायदा हो रहा है तो पीछे न हटें। अपने कनिष्ठ सहकर्मियों का विशेष रूप से समर्थन करें। साथ ही बातों को सुनने की आदत भी बनाएं। हर बात या आधी-अधूरी बातों पर प्रतिक्रिया न दें। इससे आपसी रिश्ते भी मजबूत होते हैं।
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Mon, May 27 , 2024, 01:50 AM