Qualities of an Ideal Daughter-in-law: हम हमेशा सुनते आए हैं। एक बार जब लड़की शादी (gets married) करके अपने ससुराल (in-laws' house) चली जाती है, वही उसका असली घर होता है, तो हिंदू धर्म (Hinduism) में शादी का विशेष महत्व होता है। इसके अनुसार घर में बहू को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इस बहू में कुछ ऐसे गुण हैं जिसके कारण यह कुछ ही दिनों में सबकी चहेती बन जाती है। और विभिन्न जिम्मेदारियां भी (handle various responsibilities) संभालती हैं। बेशक, उसे भी अपने ससुराल वालों से प्यार और सम्मान की ज़रूरत है। प्यार मिले अगर ससुराल से मैहर जैसा। तो यकीनन कोई भी बहू अपने ससुराल के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करती है। सबका सम्मान करती है। अगर आप भी बहू बनने जा रही हैं तो जानिए कैसे निभाएं ये जिम्मेदारियां? रिलेशनशिप विशेषज्ञों का कहना है..
एक बहू को कई जिम्मेदारियां हंसते-हंसते निभानी पड़ती है
एक बहू को अपने ससुर के घर में कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, कभी बड़ी बेटी तो कभी बड़ी बहन बनकर। यह जिम्मेदारी के साथ-साथ भावनात्मक रिश्तों को भी निभाती है। घर की बहू होने का मतलब है कि आपको ससुराल की कई परंपराओं को निभाने और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है। आपको बड़ों का ख्याल रखना होगा और बच्चों को सही-गलत का फर्क सिखाना होगा। घर की बड़ी बहू होने के नाते आप चाहे कैसा भी व्यवहार करें, आपको अपने व्यवहार में हर पल दया और समर्पण का भाव बनाए रखना होगा।
जिम्मेदारी बड़ी है...
रिलेशनशिप काउंसलर रुकैया जीरापुर कहती हैं, परिवारों को हमेशा घर की बड़ी बहू से बहुत उम्मीदें होती हैं। कई बार पति और परिवार के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए आपको अपनी भावनाओं को किनारे रखना पड़ता है। ऐसे में उनसे खुलकर बातचीत करनी चाहिए। उनकी समस्याएं सुनें और अपनी समस्याएं भी साझा करें। परिवार के सभी सदस्यों से जुड़ने और उनकी पसंद-नापसंद जानने की कोशिश करें। कठिन समय में सभी का साथ दें और साथ मिलकर सफलता का जश्न मनाएं। आपके ये छोटे-छोटे प्रयास आपको अपने परिवार के साथ बेहतर संबंध बनाने में मदद करेंगे।
सकारात्मक सोच
जीवन में हर कार्य को करने के लिए सकारात्मक सोच का होना जरूरी है। बहू होना एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। इसलिए शादी के बाद अपने नए जीवन की शुरुआत पूरे आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ करें। ससुराल में किसी के बारे में कोई पूर्व धारणा न बनाएं। साथ ही खुद पर विश्वास रखें कि आप सब कुछ संभाल लेंगे।
रीति रिवाज
घर की बहू ही हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे रीति-रिवाज सिखाती है। ससुराल के रीति-रिवाज ससुराल के रीति-रिवाजों से भिन्न हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में ससुराल वालों की इच्छा के अनुरूप कुछ भी स्वीकार करने या करने से बचना चाहिए।
रिश्तों में सामंजस्य
अगर आप बहू हैं या बनेंगी तो परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल रखने की कोशिश करें। बहुओं से हर किसी को उम्मीदें होती हैं। इसलिए सभी की पसंद, नापसंद, विचारों को समझना और उसके अनुसार कार्य करना महत्वपूर्ण है।
संवेदनशीलता
शादी के बाद कई रिश्ते बदल जाते हैं। ऐसे में बदलते रिश्तों की संवेदनशीलता को समझें। कई बार देखा गया है कि पहले बेटा हर बात के लिए अपनी मां से पूछता था, अब वह अपनी पत्नी से भी सलाह लेता है। कभी-कभी परिवार के सदस्य इस बदलाव के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाते और रिश्तों में खटास आ जाती है। ऐसे समय में गुस्सा करने की बजाय सामने वाले की मनःस्थिति को समझना और उससे प्यार से बात करना जरूरी है।
व्यवहार में विनम्रता
अगर आपके ससुराल में कुछ बुरा होता है तो तुरंत प्रतिक्रिया न दें। कई बार ऐसा होता है कि एक ही बात की कई व्याख्याएं करने से रिश्तों में तनाव आ जाता है। जब दो अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोग मिलते हैं, तो एक-दूसरे को समझने में अधिक समय लगता है। अगर फिर भी आपको कोई बात बुरी लगती है तो शांत स्वर में अपनी राय व्यक्त करें। साथ ही उन्हें अपनी बात कहने का मौका भी दें।
ससुराल वालों या बड़ों से सलाह
नई बहुएं ससुराल आने के बाद हर चीज को अपने तरीके से संभालने की कोशिश करती हैं, लेकिन आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। कुछ भी नया या बड़ा करने से पहले ससुराल वालों या बड़ों से पूछें और सलाह लेने में संकोच न करें। बहू होने के नाते अपने पिता का मार्गदर्शन या सलाह लेना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। साथ ही उनसे सलाह लेकर आप उनके दिल में अपनी जगह बना सकते हैं।
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Mon, May 13 , 2024, 12:53 PM