Arvind Kejriwal: केजरीवाल देंगे इस्तीफा या लगेगा राष्ट्रपति शासन, दिल्ली में क्या होगा? जानें ये चार महत्वपूर्ण बातें ...

Thu, Mar 28, 2024, 01:40

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली : कथित शराब घोटाले (liquor scam) में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार (Delhi government) सस्पेंस में बनी हुई है. सवाल खड़ा हो गया है कि दिल्ली में सरकार का क्या होगा. अरविंद केजरीवाल पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। केजरीवाल कहते हैं कि वह जेल से सरकार चलाएंगे. लेकिन दिल्ली के राज्यपाल एलजी वीके सक्सेना (Governor LG VK Saxena) ने उनकी योजना को खारिज कर दिया है और साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार जेल से नहीं चलेगी.

तो अब सवाल खड़ा हो गया है कि दिल्ली सरकार का क्या होगा. क्या विकल्प उपलब्ध हैं? क्या केजरीवाल को देना होगा इस्तीफा (resign)? यदि वह पद नहीं छोड़ते हैं तो क्या राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है? कई सवाल उठ रहे हैं कि इस लड़ाई का खामियाजा दिल्ली को भुगतना पड़ेगा.

क्या केजरीवाल देंगे इस्तीफा?
संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री या मंत्री को इस्तीफा देना पड़े. 2 या अधिक वर्ष के कारावास की सजा में सदन की सदस्यता खोने का प्रावधान है.सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक मुख्यमंत्री को हर दिन कई बैठकें करनी पड़ती हैं, फाइलें सुलझानी पड़ती हैं, अधिकारियों को निर्देश देने पड़ते हैं, केजरीवाल जेल में रहते हुए यह सब कैसे कर सकते हैं. इस वजह से कुछ विशेषज्ञों की राय है कि प्रशासन में दिक्कत होने पर केजरीवाल को पद छोड़ने का फैसला करना होगा. माना जा रहा है कि अगर केजरीवाल को जल्द जमानत नहीं मिली तो शासन की समस्याओं के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ सकता है और दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है.

लागू होगा राष्ट्रपति शासन?
मुख्यमंत्री के लिए जेल से सरकार चलाना असंभव है. चूँकि संवैधानिक संकट की अनुमति नहीं दी जा सकती, इसलिए राष्ट्रपति शासन एक विकल्प है. मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है. अगर केजरीवाल अपना पद छोड़कर दूसरे को मुख्यमंत्री नहीं बनाते हैं तो राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता.

दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि राष्ट्रपति शासन तभी लगाया जा सकता है जब कोई दूसरा विकल्प न हो. अनुच्छेद 356 का मामला कई बार सुप्रीम कोर्ट में गया है और हर बार कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि राष्ट्रपति शासन तभी लगाया जा सकता है जब राज्य पर शासन करने के लिए कोई अन्य विकल्प न बचे. उन्होंने कहा, अगर राष्ट्रपति शासन लगाया गया तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है.

क्या हालात वैसे ही बने रहेंगे?
केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया है और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू नहीं होगा. इसलिए तीसरा रास्ता दिल्ली के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच खींचतान के कारण पहले से ही शासन में कई बाधाओं का सामना कर रही दिल्ली को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर केजरीवाल जेल से कोई सुझाव देते हैं तो बीजेपी इसकी वैधानिकता को अदालत में चुनौती देगी.

क्या कोर्ट कोई फैसला करेगा?
यह मामला जल्द ही कोर्ट तक पहुंच सकता है और कोर्ट के जरिए इसका समाधान हो सकता है. अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है और इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट उन्हें जेल से सरकार चलाने की इजाजत देता है या इस्तीफा देने की सलाह देता है. इस बारे में हिंदुस्तान लाइव ने खबर दी है.

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