मुंबई। Ganesh Chaturthi 2023: आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी उत्सव को लेकर धूम मची हुई है। हर साल की तरह इस साल भी मुंबई के सबसे मशहूर गणपति लालबागचा राजा में भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह की आरती में कई श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रही। जानकारी के लिए बता दें कि लालबाग में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा पहली गणेश मूर्ति 1934 में स्थापित की गई थी। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर यानी मंगलवार से शुरू हुई है और 10 दिन तक यह महापर्व मुंबई समेत पूरे उत्तर भारत में मनाई जाएगी। यह दिन भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
रेलवे स्टेशन के बाहर का अद्भुद नजारा
गणेश उत्सव का उत्साह सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में ही देखने को मिलता है। समाचार एजेंसी ANI की एक वीडियो में दादर रेलवे स्टेशन के कई अद्भुद नजारा देखने को मिला। लोगों को गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की मूर्तियां ले जाते देखा गया।
मुंबई पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
गणेश उत्सव को लेकर मुंबई पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मुंबई पुलिस ने लिखा, '19 से 29 सितंबर के दौरान गणेशोत्सव समारोह के दौरान यातायात की भीड़ से बचने के लिए, मुंबई शहर में यातायात व्यवस्था की गई है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे संशोधित यातायात व्यवस्था का पालन करें।' मुंबई पुलिस के मुताबिक, 19 से 29 सितंबर के बीच मनाए जाने वाले सार्वजनिक गणेशोत्सव के मद्देनजर पूरे शहर में यातायात में वृद्धि होने के कारण यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इसके लिए मुंबई पुलिस ने एक कई एडवाइजरी जारी कर दी है।
तमिलनाडु से लेकर गुजरात तक में गणेश उत्सव की धूम
गणेश उत्सव की धूम तमिलनाडु से लेकर गुजरात में भी देखने को मिली। गणेश चतुर्थी के लिए डिंडीगुल के विनयगर मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगी नजर आई। वहीं, गुजरात के सूरत में एक महिला कलाकार ने गणेश चतुर्थी के लिए साबुन का उपयोग करके भगवान गणेश की पर्यावरण-अनुकूल मूर्ति तैयार की। समचार एजेंसी ANI से बात करते हुए सूरत की एक महिला कलाकार अदिति मित्तल ने कहा, 'पिछले छह वर्षों से मैं पर्यावरण-अनुकूल गणेश मूर्तियां बना रही हूं और इस साल मैंने पीएम मोदी के 'स्वच्छता अभियान' की अवधारणा पर गणेश मूर्तियां बनाने के बारे में सोचा। मैंने साबुन का उपयोग करके मूर्ति बनाई है। कुल 2655 किलो साबुन का उपयोग किया गया है। इसे बनाने में हमें कुल सात दिन लगे। विसर्जन के लिए हम स्लम एरिया में साबुन वितरित करेंगे।'
कहीं साबुन तो कहीं सोलिड क्ले से तैयार हुई मूर्तियां
अदिति मित्तल की ही तरह भुवनेश्वर के कलाकार एल ईश्वर राव ने भी सोलिड क्ले से भगवान गणेश की मूर्ति तैयार की है। ANI से बात करते हुए राव ने बताया की वह पिछले 22 सालों से पेनाइल निब, चॉक, हल्दी के बीज, बोतल के अंदर और कई अन्य चीजों से कलाकारी करते आए हैं। उन्होंने भगवान सरस्वती के साथ भगवान गणेश की पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियां तैयार की हैं। यहीं नहीं, उन्होंने माचिस की तीलियों और ठोस मिट्टी का उपयोग करके एक पंडाल भी बनाया है, जहां उन्होंने भगवान गणेश और देवी सरस्वती और लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित की हैं। इसे पूरा करने में राव को महज 7 दिन का समय लगा। गणेश की प्रतिमा की ऊचांई 3.5 इंच है जबकि देवी सरस्वती और लक्ष्मी की मूर्तियां लगभग 3 इंच ऊंची हैं। देवताओं वाला पंडाल नीचे से ऊपर तक 9 इंच लंबा है।
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Tue, Sep 19 , 2023, 09:59 AM