पेयजल और जानवरों के चारे का संकट
मुंबई। महाराष्ट्र के 18 जिलों में इस साल बहुत कम बारिश (less rain) हुई है। इन जिलों में अपर्याप्त बारिश की वजह से फसल सूखने लगी है। जलाशयों में पानी भंडारण नहीं हो सका है। इससे पेयजल और जानवरों के चारे का संकट पैदा हो गया है। राज्य में अब तक औसत 81.07 प्रतिशत बारिश हुई है। इससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। राज्य में 1 से 6 सितंबर के बीच केवल 24.05 यानी 13.60 फीसदी बारिश हुई है।
राज्य के सोलापुर, सांगली, सातारा, बीड, उस्मानाबाद, अहमदनगर, औरंगाबाद, जालना, परभणी, हिंगोली, बुलढाणा, वाशिम, अकोला, अमरावती, गोंदिया, जलगांव, धुले, नंदूरबार जिलों में बारिश कम हुई है। इस साल बारिश ने महाराष्ट्र में देर से प्रवेश किया। देर से आने के बावजूद जून में औसत बारिश 111.5 मिमी यानी औसत की 53.7 फीसदी रही। इसके बाद जुलाई माह में अच्छी बारिश हुई। जुलाई में औसत बारिश की 138.7 फीसदी यानी 459.0 मिमी बारिश हुई है। इसके बाद अगस्त माह में बारिश का सिलसिला थम गया। प्रदेश में अगस्त माह में औसत का केवल 38.0 प्रतिशत यानी 107.09 मिमी बारिश ही हुई है। सितंबर की शुरुआत से ही यह स्थिति बनी हुई है। सितंबर माह की औसत वर्षा 13.60 प्रतिशत है।
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में बारिश की स्थिति की समीक्षा की गई। महाराष्ट्र में 1 करोड़ 70 लाख किसानों ने फसल बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने प्रशासन को फसल बीमा अग्रिम, पेयजल, चारे की उपलब्धता के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया। सरकार की प्राथमिकता बारिश के अभाव में पीने के लिए पानी आरक्षित करना है। फसल बीमा का अग्रिम भुगतान कैसे किया जाए, इसकी सुनियोजित योजना बनाई जानी चाहिए। शिंदे ने कहा कि पीने के पानी का संरक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति में किसानों की मदद करेंगे।
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Thu, Sep 07 , 2023, 07:12 AM