आने वाले चुनाव इंडिया विरुद्ध एनडीए होंगे: अंबादास दानवे

Mon, Aug 28 , 2023, 08:54 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मनोज दुबे
मुंबई। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे का कहना है कि आने वाले चुनाव एनडीए विरुद्ध इंडिया होंगे। शिवसेना की चुनावी तैयारियों के सवाल पर उनका कहना है कि हमारी 48 लोकसभा सीटों और 288 विधानसभा सीटों को लेकर तैयारियां चल रही हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। "हमारा महानगर" की वर्षगांठ पर विशेष अतिथि के रूप में पधारे अंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने शिवसेना बाला साहेब ठाकरे (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की उपाधि देते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को बहुमत मिलेगा।

शिवसेना की जोरदार चुनावी तैयारियां
उन्होंने कहा कि शिवसेना यूबीटी की काफी पहले से चुनावी तैयारियां (election preparations) चल रही हैं। साल भर पहले जो भ्रम की स्थिति थी, वह अब काफी हद तक दूर हो चुकी है। पार्टी प्रमुख ने 4 से 6 महीने पहले लोकसभा वार बैठक की थी, अब लोकसभा की विधानसभा वार बैठक हो रही हैं। इन बैठकों में पार्टी संगठन, वर्तमान राजनीतिक हालात और अन्य दलों की ताकत का आकलन किया जा रहा है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का मानना है कि शिवसेना लोकसभा की 48 और विधानसभा की 288 सीटों का रिव्यू कर रही है, लेकिन हम इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, ऐसी कोई बात नहीं है। आने वाले चुनाव में प्रत्याशी 10 या 5 हजार वोटों से ही चुनाव जीतेंगे। पार्टी इस बात पर ध्यान रख रही है कि किसी विशेष परिस्थिति में यदि किसी सीट पर कोई उम्मीदवार उतारना पड़े तो ऐन वक्त पर उम्मीदवारों की तलाश न की जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महाविकास आघाड़ी को बहुमत मिलेगा, इसे लेकर मन में कोई सवाल नहीं है। आज भाजपा जिस तरीके से काम कर रही है, उससे हमें ज्यादा फायदा हो रहा है। उन्होंने छगन भुजबल और गणेश नाईक का उदाहरण देते हुए कहा कि शिवसेना से भी जो भी बाहर गया, वह चुनाव हार गया। कुछ ऐसा ही एकनाथ शिंदे के साथ गए 40 विधायकों के साथ होगा, इनमें से एकाध-दो ही वापस विधानसभा का मुंह देख सकेगा।

शिंदे गुट- भाजपा विधायकों में असंतोष
सवालों के जवाब में दानवे ने कहा कि शिंदे गुट में जो विधायक गए थे, उन्हें मंत्री बनाने का वादा किया था। खोके भी दिए थे....50 खोके एकदम ओके। अभी अजित पवार गुट वाली राकांपा के सरकार में आने से उनका शेयर चला गया। भाजपा के 110 विधायक हैं, उनमें से भी 8 से 9 को मंत्री बनाया गया, जिनके 40 विधायक हैं, उन्हें भी 8 से 9 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इससे शिंदे सेना ही नहीं, भाजपा में नाराजगी है। भाजपा के विधायक, कार्यकर्ता नाराज हैं, क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार चलती तो सब उनकी सुनते। एकनाथ शिंदे और अजित पवार स्वतंत्र होकर काम करते हैं। देवेंद्र फडणवीस के हाथ में सरकार है, ऐसा नहीं है। यह पूछे जाने पर कि चुनाव में बैटिंग करने के लिए आपके पास विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसा बल्लेबाज नहीं है? इस सवाल पर अंबादास दानवे ने कहा कि उधर विराट, रोहित शर्मा कौन है? एकनाथ शिंदे स्‍वतंत्र रूप से एकाध गांव में जाकर बताएं? फिर हम बताएंगे कि कौन विराट कोहली, रोहित शर्मा है। वे अलग-अलग जगहों पर "शासन आपके द्वार" प्रोग्राम करते हैं, पार्टी के प्रोग्राम क्यों नहीं करते? उद्धवजी हर महीने किसी न  किसी जगह पर जाकर कार्यक्रम करते हैं। इसके लिए संगठन चाहिए, जनता का समर्थन चाहिए, जो उनके पास नहीं है। उद्धव ठाकरे ही हमारे सचिन तेंदुलकर हैं। यह पूछे जाने पर कि महाविकास आघाड़ी के एक खिलाड़ी को लेकर भ्रम है, ऐसे में चुनावी दौड़ कैसे जीत पाएंगे। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि रिले दौड़ में अलग-अलग प्रकार के रनर होते हैं। शरद पवार खुद नहीं, जनता उनके बारे में भ्रमित रहती है। हालांकि वे इंडिया की बैठक में अपना पक्ष रख चुके हैं, ऐसे में इस दौड़ के फिनिशर उद्धव ठाकरे की होंगे।

चुनावों में नहीं होगा मत विभाजन
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आने वाला चुनाव इंडिया वर्सेस एनडीएन होगा। ऐसे में यह नहीं देखा जाएगा कि कौन सी पार्टी का उम्मीदवार है। जिसे एनडीए को हराना है, उसे इंडिया को वोट करना होगा।अगर उसने तीसरे को वोट दिया तो यह एनडीए की मदद होगी। इसलिए शिवसेना, राकांपा या कांग्रेस प्रत्याशियों के खड़े होने पर मत विभाजन नहीं होगा। भाजपा ने हमें इतनी तकलीफ दी है तो हमारा वोटर भाजपा को वोट नहीं करेगा, वह राकांपा-कांग्रेस को वोट देगा।

मुंबई नहीं, सभी मनपा की हो जांच
उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है। कुछ बातें स्पष्ट हो चुकी है, कुछ बातें आने वाले समय में स्पष्ट हो जाएगी। हमारी 48 लोकसभा 288 विधानसभा को लेकर तैयारियां कर ली है। इसका मतलब यह नहीं कि हम गठबंधन नहीं करेंगे। हमें जो भी सीट मिली, उस पर हम चुनाव लड़ेंगे। भाजपा लगातार शिवसेना को मुंबई मनपा के भ्रष्टाचार के आरोप पर घेर रही है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा यदि मुंबई की बात करती है तो उसे ठाणे, पुणे, पिंपरी चिंचवड, नागपुर मनपा की बात भी करना चाहिए। बीजेपी कोई धुला हुआ चावल तो नहीं है।

अपने स्वार्थ के कारण लोगों ने छोड़ी पार्टी
मुंबई मनपा के पूर्व नगरसेवकों के शिंदे गुट में जाने के सवाल पर अंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने कहा कि जो लोग गए हैं, वे अपने स्वार्थ के हिसाब से गए हैं। किसी को 5 करोड़ तो किसी को 10 करोड़ रुपए का फंड मिला है। शिवसेना फंड के बल पर चुनकर नहीं आती। शिवसेना जनता की सेवा करती है। जो लोग चले गए हैं, उनकी जगह नए लोग आकर सेटल भी हो गए हैं। पैसे और पद के लिए पार्टी बदलना बाजारूपन है। हम जब छोटे थे, तब बाला साहेब ठाकरे और हिंदुत्व को देखकर पार्टी से जुड़े।

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