मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने एक बार पार्टी में विभाजन से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके और भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) के बीच कोई लड़ाई या मतभेद नहीं है। वह पार्टी का ही हिस्सा हैं। दरअसल, शरद पवार की बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने एक दिन पहले कहा था कि अजित पवार पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक हैं।
इसमें नहीं कोई सवाल
सुले के बयान के एक दिन बाद शुक्रवार को पवार ने पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में पत्रकारों से बात की। पत्रकारों ने शरद पवार से सुले के बयान के बारे में पूछा तो एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हां, इसमें कोई सवाल ही नहीं है। कोई कैसे कह सकता है कि एनसीपी में विभाजन हो गया है? अजित पवार हमारी पार्टी के ही नेता हैं।
राजनीतिक दल में फूट का मतलब...
शरद पवार ने कहा कि इस बात पर कोई मतभेद नहीं है कि अजित पवार हमारे नेता हैं। एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि किसी राजनीतिक दल में फूट का मतलब क्या है? फूट तब होती है जब किसी पार्टी का एक बड़ा समूह राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, कुछ ने अलग रुख अपना लिया है। लोकतंत्र में निर्णय लेना उनका अधिकार है।
रविवार को दिया था बड़ा बयान
इससे पहले 20 अगस्त को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि पार्टी के कुछ नेता जो पाला बदलकर एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ चले गए और शिवसेना (एकनाथ शिंदे)-भाजपा सरकार में शामिल हो गए, उनकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है। शरद पवार ने कहा था कि हाल ही में हमारे कुछ लोग यह कहते हुए सरकार में शामिल हुए कि उन्होंने विकास के मुद्दे पर भाजपा से हाथ मिलाया है। उनमें से कुछ ईडी जांच के दायरे में थे। उनमें से कुछ जांच का सामना नहीं करना चाहते थे।
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की सराहना करते हुए, एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि अनिल देशमुख जैसे कुछ लोगों ने जेल जाना स्वीकार किया और वहां 14 महीने बिताए। उन्हें जांच से बचने के लिए उनके पक्ष (भाजपा) में शामिल होने की पेशकश भी की गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। शरद पवार ने यह भी आरोप लगाया था कि एनसीपी के कुछ नेताओं ने भाजपा से हाथ मिला लिया क्योंकि उन्हें एजेंसियों से खतरा था। उन्होंने कहा था कि हमारे कुछ सहयोगी एजेंसियों की जांच के दबाव में भाजपा में शामिल हो गए। उनसे कहा गया कि यदि आप भाजपा में शामिल होते हैं तो आपके मामले में कुछ नहीं होगा, लेकिन यदि आप शामिल नहीं हुए तो आपको जेल जाना पड़ेगा।
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Fri, Aug 25 , 2023, 12:09 PM