दिल्ली आए देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे, 1 सप्ताह बाद NCP का भी शिवसेना हो गया, किसने लिखी ये पटकथा?

Mon, Jul 03 , 2023, 01:35 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर (politics of Maharashtra) थमने का नाम ही न हीं ले रहा है. 2019 के हुए विधानसभा चुनाव के बाद से गठबंधन, पार्टी में टूट, नेताओं का दल बदलना, सब जारी है. ऐसे में प्रदेश की सरकार की अस्थिरता लगातार बनी हुई है. इसी कड़ी में बीते रविवार को अजित पवार (Ajit Pawar) अपने समर्थक विधायकों के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) से अलग होकर एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए. साल 2019 में हुए चुनाव के बाद राज्य में पार्टियों के कई टुकड़े हो गए. जैसे शिवसेना के दो अलग-अलग गुट और अब एनसीपी के दो टुकड़े होते हुए नजर आ रहे हैं.
हालांकि भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार के बीच कुछ समय से चर्चा चल रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस वाली सत्तारूढ़ पार्टी में अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों को शामिल करने के फैसले पर बैठक हुई, जिसमें इसे अंतिम रूप दिया गया था. इससे पहले दोनों शिंदे और फडणवीस ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात भी की थी. बताया जा रहा है कि यहां पर हुई बैठक में ही अंतिम फैसला लिया गया था.
महाराष्ट्र की राजनीति में कौन फायदे में
पवार की उप मुख्यमंत्री पद पर शपथ लिए जाने से सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को ही होना है, क्योंकि इस तरह से भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी पकड़ को मजबूत बना लिया है और सुरक्षित भी कर लिया है. वहीं इस फैसले से एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) दोनों ही बहुत कमजोर हो गई हैं. कुछ लोग अजित पवार के सरकार में शामिल होने के कदम को 2019 में अजित के एनडीए के गठबंधन से बाहर निकलने और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ जा मिलने के फैसले को भाजपा का बदला लेना मान रहे हैं.
वहीं कई वरिष्ठ नेता इसे सीधे-सीधे भाजपा की 2024 को लेकर रणनीति मान रहे हैं. अजित पवार के एनडीए में शामिल होने से पहले भाजपा भी महाराष्ट्र में अपनी स्थिति को लेकर पसोपेश में थी, क्योंकि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सहित अन्य दल मिल कर 48 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन अब भाजपा ने खुद को यहां पर सुरक्षित कर लिया है.
शिंदे पर निर्भरता खत्म
एक विज्ञापन ने रची अजित पवार के एनडीए में शामिल होने की कहानी. दरअसल 13 जून को महाराष्ट्र के बारे में हर अखबार में एक विज्ञापन आया, जिसमें किसी निजी एजेंसी के सर्वेक्षण के हवाले से यह दावा किया गया था कि महाराष्ट्र में शिंदे फडणवीस की तुलना में ज्यादा लोकप्रिय हैं. इस विज्ञापन पर भाजपा ने जब नाराज़गी जाहिर की तो शिंदे गुट ने इसकी जानकारी से इनकार करते हुए, विज्ञापन से अपना पल्ला झाड़ लिया.
भाजपा प्रवक्ता ने लेख में एकनाथ शिंदे को दी चेतावनी
इसके बाद कहीं शिंदे उनकी और फडणवीस की जोड़ी को जय-वीरू की जोड़ी बता रहे थे तो कहीं फडणवीस कहते नज़र आ रहे थे कि हमारा गठबंधन इतना कमज़ोर नहीं है, जो एक विज्ञापन से हिल जाएगा. वहीं विज्ञापन आने के बाद भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने मराठी दैनिक में लोकसत्ता में एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंनें शिंदे को लगभग चेतावनी देते हुए कहा था कि भाजपा को सत्ता का लोभ नहीं है और फडणवीस की लोकप्रियता महाराष्ट्र में कई गुना ज्यादा है.
एकनाथ शिंदे पर से भाजपा की खत्म होगी निर्भरता
साथ ही उन्होंनें लेख में यह भी लिखा था कि उनका मकसद 2024 के चुनाव है. इसलिए छोटी-छोटी बातों में वह पड़ना नहीं चाहते हैं. हालांकि तमाम तरह के स्पष्टीकरण देने के बावजूद भाजपा के मन में कहीं ना कहीं संदेह ज़रूर पैदा हुआ. इसके साथ ही सियासी हलकों में भी शिंदे के रुख को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. ऐसे में भाजपा शिंदे पर से अपनी निर्भरता को भी खत्म करना चाहेगी और अगर महाराष्ट्र में अयोग्यता होती है (शिवसेना में विभाजन के बाद, वर्तमान में फैसला विधानसभा अध्यक्ष के पास है) तो भी भाजपा अपनी स्थिति को लेकर सहज रहेगी.
कर्नाटक के बाद अब सियासत में होंगे कई नाटक
कांग्रेस के कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद तमाम विपक्षी दलों के एक मंच पर आने की भूमिका बन गई है. पटना में हुई बैठक ने इस ओर इशारा भी कर दिया है. ऐसे में भाजपा किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहेगी, क्योंकि बाद में भले ही लोकसभा चुनाव का हाल महाराष्ट्र के चुनाव जैसा हो और विपक्ष सत्ता में आते ही बिखर जाए. लेकिन चुनाव में वह नुकसान तो पहुंचा ही देगा. इसलिए अब भाजपा ने अपने पूर्व सहयोगियों तक अपनी पहुंच और छोटे दलों के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करना शुरू कर दिया है. आने वाले दिन भारतीय राजनीति के मंच पर बहुत से नाटक खेले जाने वाले हैं.
अजित पवार का कदम महाराष्ट्र की राजनीति में ला सकता है कई बदलाव
अजित पवार के इस फैसले ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में संभावित फेरबदल की अटकलों को भी तेज कर दिया है. शिंदे गुट के कई सांसदों सहित महाराष्ट्र के नेताओं की केंद्र में भूमिका तय हो सकती है. हालांकि फडणवीस हमेशा केंद्रीय राजनीति से खुद को दूर करते रहे हैं. लेकिन पार्टी सूत्र यह संकेत देते हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व उनकी भूमिका को लेकर उन्हें फिर से सोचने के लिए कह सकता है.

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups