- दो घंटे में आवागमन के लिए खुल जाएगी सड़क
- बारिश के दौरान भी भरे जा सकेंगे गढ्ढे
मुंबई : मानसून के दौरान सड़कों पर बनने वाले गढ्ढे (Potholes) मुंबई मनपा के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी करते है। मनपा को गढ्ढो को लेकर हाई कोर्ट तक की फटकार खानी पड़ती है। गढ्ढो से सड़को की खस्ता हाल तो होती ही है। गढ्ढो के कारण दुर्घटना होने का प्रमाण भी बढ़ जाता है। मनपा प्रशासन इसी के चलते गढ्ढो को भरने के लिए नई नई तकनिकी खोजती रहती है।
मनपा प्रशासन ने गड्ढों को भरने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। मनपा पहली बार मुंबई में गड्ढों को भरने के लिए रिएक्टिव अस्फाल्ट का इस्तेमाल करेगी। खास बात यह है कि गड्ढे भरने के लिए रिएक्टिव अस्फाल्ट का इस्तेमाल पानी के साथ किया जाएगा। इस तकनीक से गड्ढे भरने के 2 घंटे बाद ही सड़कों को आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। मनपा ने जानकारी दी है कि इस तकनिकी का उपयोग एच पूर्व के अंतर्गत खार सबवे में इस्तेमाल किया गया। मनपा अतिरिक्त आयुक्त पी वेलरासू ने कहा कि बारिश में सड़कों पर बने गड्ढों को भरने के लिए पहली बार रिएक्टिव अस्फाल्ट का उपयोग किया जा रहा है। मुंबई में तीन जगहों पर रिएक्टिव अस्फाल्ट के मिश्रण का इस्तेमाल कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है। 29 जून, 2023 को खार सबवे मार्ग पर गड्ढे भरने के लिए पहली बार इसका इस्तेमाल किया गया। यहां रिएक्टिव अस्फाल्ट का उपयोग कर सड़क यातायात बहाल कर दिया गया। शुरुआती जांच में यह प्रयोग काफी सफल रहा। इसलिए बीएमसी सड़क विभाग ने पूरे मुंबई में रिएक्टिव अस्फाल्ट तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है। सड़क विभाग ने हर विभाग में गड्ढे भरने के लिए यह मिश्रण उपलब्ध कराया है। सड़कों के गड्ढे भरने के लिए सभी संबंधित विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। इससे नागरिकों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुंबई की सड़कों को भरने के लिए मनपा हर संभव प्रयास कर रही है। रिएक्टिव अस्फाल्ट, रैपिड हार्डनिंग और कोल्ड मिक्स का उपयोग जल्द से जल्द सड़कों को भरने के लिए किया जा रहा है। हमारे कोशिश है कि गड्ढों की वजह से मुंबईकरों को परेशानी न हो।
कांग्रेस ने मनपा द्वारा गड्ढे भरने के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं। मनपा विरोधी पक्ष नेता रहे रवि राजा ने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त हर साल गड्ढे भरने के लिए नई तकनीक लाते हैं और नए-नए प्रयोग करते हैं। इसके बावजूद सड़कों पर गड्ढों की भरमार रही है। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
रिएक्टिव अस्फाल्ट का कैसे होता है इस्तेमाल :
रिएक्टिव अस्फाल्ट (reactive asphalt) एक केमिकल मिश्रित अस्फाल्ट है। अस्फाल्ट से बनी सड़कों पर पानी लगने से गड्ढे बन जाते हैं, लेकिन रिएक्टिव अस्फाल्ट से गड्ढे भरने के लिए उसमें पानी मिलाया जाता है। गड्ढों को भरने के लिए रासायनिक पाउडर और पानी के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। रिएक्टिव अस्फाल्ट में रासायनिक पाउडर पर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसकी विशेषता यह है कि इस तकनीक से गड्ढे भरने पर वहां से सिर्फ दो घंटे में यातायात शुरू किया जा सकता है। मुंबई में सड़कों के गड्ढे भरने के लिए सभी 24 वार्डों में यह मिक्स बैग उपलब्ध कराए गए हैं। यह तकनीक इकोग्रीन इंफ्रा डेवलपमेंट कंपनी द्वारा विभागों को उपलब्ध करायी गयी है। इसका रासायनिक पाउडर आयात किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका उपयोग मुंबई शहर, पूर्वी उपनगरों और पश्चिमी उपनगरों की कुछ सड़कों पर गड्ढों को भरने के लिए किया गया था। इसके बाद इन सड़कों पर जहां गड्ढे भर दिए गए हैं वहां यातायात सुचारू रूप से जारी है। वहां से अभी कोई शिकायत नहीं आई है।
रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट का भी उपयोग :
सड़कों के गड्ढे भरने के लिए बीएमसी ने पिछले वर्ष भी रैपिड हार्डनिंग (rapid hardening concrete) तकनीक का उपयोग किया था। इस तकनीक से गड्ढे को भरने के लिए सीमेंट, कंक्रीट जैसी सामग्री और पॉलीमर का उपयोग किया जाता है। इसे रैपिड हार्डनिंग तकनीक कहते हैं। इसका उपयोग बड़े गड्ढों की मरम्मत के लिए किया जाता है। एक घन मीटर के लिए 23 हजार रुपया खर्च पड़ता है। इस तकनीक से भरे गड्ढे पर 6 घंटे के बाद वाहन उपयोग किया जा सकेगा।
कोल्ड मिक्स की आपूर्ति-
मुंबई में छह मीटर और उससे कम चौड़ाई वाली सड़कों पर गड्ढे भरने एवं रखरखाव के लिए कोल्ड मिक्स का उपयोग किया जाएगा। मुंबई के सभी वार्डों में गड्ढे भरने के लिए अब तक 1300 मीट्रिक टन कोल्ड मिक्स सप्लाई किया जा चुका है। जबकि 200 मीट्रिक टन कोल्ड मिक्स रिजर्व रखा गया है।
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Fri, Jun 30 , 2023, 08:16 AM