सीवरेज के पानी को पीने योग्य बनाने ऑस्ट्रेलिया जाएगी मनपा
मुंबई : मानसून के देरी से आने से मुंबई पर पानी संकट छा गया है। पानी की समस्या दूर करने और मानसून पर निर्भर रहने के साथ साथ प्रयायी व्यवस्था करने पर भी मनपा ने कदम उठाने पर जोर दे रही है। मनपा एक ओर समुद्र के पानी को मीठा करने की ओर बड़ा कदम उठाया है वही दूसरी ओर मनपा अब सीवरेज के पानी (sewerage water) को भी पीने योग्य बनाने पर जोर दिया है। मनपा की एक टीम ऑस्ट्रेलिया में स्टडी के लिए जाएगी।जहां पर सीवरेज के पानी को पोर्टेबल कर पीने योग्य किस तरह किया जाता है उसका सर्वेक्षण करेगी। मुंबई में पोर्टेबल वॉटर प्लांट को किस तरह स्थापित किया जाए इस पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
मनपा का मानना है कि सीवरेज के पानी को पोर्टबल कर यदि पीने योग्य बनाने में बड़े पैमाने पर सफलता मिलती है तो समुद्र में जो गंदा पानी जाता है उसे भी रोका जा सकेगा। समुद्र को प्रदूषण (pollution) से भी बचाया जा सकेगा।मनपा जलविभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऑट्रेलिया में सीवरेज के पानी को पोर्टेबल कर बड़े पैमाने पर उसका इस्तेमाल किया जाता है। वहां प्रोजेक्ट लगाने की लागत भी काफी कम है। जिसके चलते मनपा जल विभाग के अधिकारी स्टडी के लिए जायेंगे जिसके लिए मनपा ने अभी तैयारी शुरू की है। मनपा का मानना है कि इस तरह अध्ययन दौरे से मनपा को फायदा होता है।मनपा अधिकारी
ने बताया कि कोलाबा में पहले पोर्टेबल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (Portable Water Treatment Plant) को पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया जा रहा है। इस पर मनपा करीब 250 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। मनपा का यह पायलट प्रोजेक्ट है। इसके बाद मुंबई के अन्य इलाकों में भी पोर्टबल प्लांट लगाने कीमनपा की योजना है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मनपा ने सलाहकार नियुक्त किया है।मनपा को उम्मीद है कि वर्ष 2025 तक यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। कोलाबा ट्रीटमेंट पर मनपा की निगाह मनपा प्रशासन ने कोलाबा में 12 एम एल डी पानी पर प्रक्रिया कर उसे पीने योग्य बनांने की शुरुआत जल्द करेगी। मनपा के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि इस पानी को पीने के उपयोग में किस तरह किया जाये। लोगो की मानसिकता सीवरेज पानी को ट्रीट कर उसे योग्य बनाने के बाद लोग उपयोग करे इस ओर मनपा का ध्यान है।
7 ट्रीटमेंट प्लांट :
सीवरेज के दूषित पानी को समुद्र में जाने से रोकने के लिए मनपा ने मुंबई में 7 एसटीपी प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है। इसमें धारावी प्रोजेक्ट जुलाई 2027 में , मालाड प्रोजेक्ट जुलाई 2028 में , वर्सोवा जुलाई 2026 में , घाटकोपर जुलाई 2026 , भांडुप अगस्त 2026 , बांद्रा जुलाई 2027 एवं वर्ली प्रोजेक्ट जुलाई 2027 में पूरा होगा। यानी पहला प्रोजेक्ट तीन साल बाद वर्ष 2026 में एवं आख़िरी 5 साल बाद वर्ष 2028 में पूरा होगा। तब तक गटर और सीवरेज का पानी सीधे समुद्र में गिर कर पानी को दूषित करता रहेगा।मनपा ने सातों प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बजट में 2792 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे पर्यावरण के नुकसान और समुद्र के पानी को गंदा होने से बचाया जा सकेगा। मनपा की योजना के अनुसार धारावी प्रोजेक्ट से प्रतिदिन 418 एमएलडी, वर्ली प्लांट से 500 एमएलडी, बांद्रा से 360 एमएलडी, वर्सोवा प्रोजेक्ट से 180 एमएलडी , मालाड से 454 एमएलडी, घाटकोपर प्लांट से 337 एमएलडी और भांडुप एसटीपी प्रोजेक्ट से प्रतिदिन 215 एमएलडी दूषित पानी को साफ़ किया जाएगा।
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Fri, Jun 23 , 2023, 08:26 AM